मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने शुक्रवार को लोकभवन में वीडियो काफ्रेंसिग के जरिए मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान ये निर्देश दिया।
मुख्य बातें :-
👉ग्राम न्याय पंचायत, विकास खंड, तहसील व जिला स्तरीय टीमों का गठन कर जन जागरूकता व प्रवर्तन की प्रभावी कार्रवाई हो
👉इस पराली के जलाने से कार्बन डाई ऑक्साइड व कार्बन मोनो ऑक्साइड जैसी निकलती है जहरीली गैस
👉किसानों से पराली न जलाने की जाए अपील , राजस्व ग्राम के लेखपालों की जिम्मेदारी तय की जाए
👉पराली जलाने की घटनाओं पर सैटेलाइट से लगातार रखी जा रही निगरानी
लखनऊ। यूपी में पराली जलाना किसानों को महंगा पड़ेगा ,उनसे केवल जुर्माना ही नहीं वसूल जाएगा, बल्कि उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज होगा। इस संबंध में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने अफसरों को निर्देश दिए हैं । उन्होंने शुक्रवार को लोकभवन में वीडियो काफ्रेंसिग के जरिए मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठकके दौरान ये निर्देश दिया।
मुख्य सचिव ने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं पर कड़ी निगरानी रखी जाए। किसानों को पराली प्रबंधन के उपायों के बारे में भी जानकारी मुहैया कराई जाए। उन्होंने कहा कि किसानों से पराली न जलाने की अपील भी की जाए। इसके लिए राजस्व ग्राम के लेखपालों की जिम्मेदारी तय की जाए।
ग्राम न्याय पंचायत, विकास खंड, तहसील व जिला स्तरीय टीमों का गठन कर जन जागरूकता व प्रवर्तन की प्रभावी कार्रवाई हो । एकल कृषि यंत्र व फार्म मशीनरी बैंक का प्रयोग फसल अवशेष प्रबंधन के लिए किया जाए। उन्होंने कहा कि किसानों को बताया जाए कि पराली जलाने की घटनाओं पर सैटेलाइट से लगातार निगरानी रखी जा रही है। इस पराली के जलाने से कार्बन डाई ऑक्साइड व कार्बन मोनो ऑक्साइड जैसी जहरीली गैस निकलती है।
इसका पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ता है, साथ ही सांस संबंधी कई बीमारियां फैलती हैं। पराली या फसलों के अवशेष को वेस्ट डिकम्पोजर के जरिए से खाद बनाकर उपयोग किया जाना चाहिए सकता है। बैठक में अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, सचिव कृषि राजशेखर सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।