पूर्वांचल बलरामपुर जिले के चिकित्सा पदाधिकारी, जेनरल फिजिशियन डायबिटोलॉजिस्ट , कार्डियो डॉ. मिथिलेश कुमार ने कहा कि डायबिटीज क्या है ? शरीर के सभी अंगों को सुचारू रूप से काम करने के लिए ऊर्जा की जरूरत होती है।
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एक अनुमान के
अनुसार भारत में लगभग 8 से 10
करोड़ से अधिक डायबिटीज के
मरीज है समय रहते इस पर नियंत्रण
रखना जरूरी है ताकि आप स्वस्थ
रहें। चिकित्सा पदाधिकारी, जेनरल
फिजिशियन डायबिटोलॉजिस्ट
, कार्डियो डॉ मिथिलेश कुमार
ने कहा कि डायबिटीज क्या है?
शरीर के सभी अंगों को सुचारू रूप से
काम करने के लिए ऊर्जा की जरूरत
होती है।
शरीर वह ऊर्जा गुलकोज से
प्राप्त करता है ।रक्त द्वारा गुलकोज मोटी
और बारीक नलियों से शरीर के अंगों
में पहुंचाई जाती है ।परंतु यदि रक्त में
ग्लूकोज की मात्रा जरूरत से अधिक
रहने लगे तो इस अवस्था को डायबिटीज
कहा जाता है ।
रक्त वाहिकाओं से सालों
साल अधिक ग्लूकोस इस वाहिकाओं
को नुकसान पहुंचता है। और धीरे-
धीरे चोक होने लगती है खून की मोटी
पतली वाहिकाओं के चोक होने से हिं
डायबिटीज से होने वाले विकार पैदा
होते हैं। यदि डायबिटीज के मरीज
इलाज में लापरवाही करते हैं और शुगर
कोलेस्ट्रॉल व बीपी पर नियंत्रण नहीं
रख पाते हैं ।तो शरीर के कई अंगों पर
विपरीत प्रभाव पड़ता है ।
जाने, डायबिटीज से कौन से मुख्य विकार हो सकते हैं
हृदय: डायबिटीज के मरीजों
को हार्ट अटैक की आशंका अन्य
लोगों से तीन गुना ज्यादा होती है एक
महत्वपूर्ण बात यह भी है कि अक्सर
इन मरीजों में हार्ट अटैक होने पर छाती
में दर्द महसूस नहीं होता हार्ट अटैक
होने पर मरीज सिर्फ बेचैनी उल्टी
सांस फूलना या पसीना आना जैसी
शिकायत ही होती है हार्ट अटैक से
बचने के लिए साल में एक बार हर्ट
संबंधित जांच जरूर कारवा लें ब्लड
प्रेशर पर नियंत्रण रखें | कोलेस्ट्रॉल की
दवाई हमेशा लें जरुरत हो तो। और
समय-समय पर कोलेस्ट्रॉल की जांच
कारण अपने शुगर लेवल पर नियंत्रण
रखें वजन न बढ़ने दें और नियमित
रूप से व्यायाम करें।
किडनी: यदि आपको पैरों में
सूजन शुगर बार-बार कम हो भूख
कम लगे तो यह किडनी की खराबी
के लक्षण हो सकते हैं। किडनी की
खराबी का भी सबंधद सुगर कंट्रोल
नहीं रहने से है। इसमें ब्लड प्रेशर का
नियंत्रण होना भी जरूरी है। क्योंकि
किडनी पर असर होने से हार्ट अटैक
का खतरा बढ़ जाता है।
आंख: डायबिटीज में सभी
मरीजों को साल में एक बार नेत्र
विशेषज्ञ से आंखों की जांच अवश्य
कराना चाहिए आंखों के पर्देजिसे
रेटिना कहते हैं। पर सूजन खून
के धब्बे कोलेस्ट्रॉल जमा होने से
दिखना बंद हो सकता है ।हालांकि
बीमारी शुरुआत में कोई लक्षण पैदा
नहीं करती इसलिए जल्दी पता लगने
पर लेजर और अन्य इलाज द्वारा
आंखों की रोशनी को बरकरार रखा
जा सकता
त्वचा: बार बार फोड़े फुंसी
होना घाव भरने में देर लगना गुप्तांगों
में खुजली कराना आदि शुगर कंट्रोल
में ना रहने के लक्षण है। डायबिटीज
से त्वचा व गुप्तांगों की सफाई रखना
बहुत जरूरी है। इसके अलावा लंबे
समय की डायबिटीज में पैरों में
संवेदना खत्म होने लगती है ।इससे
मरीज को घाव वा संक्रमण का
एहसास नहीं हो पाता इसी कारण छोटे
घाव भी गैंग्रीन का रूप ले लेते हैं।
अपनाएं यह उपाय: भोजन में
डॉक्टर द्वारा दी गई सलाह का पालन
करें। नियमित रूप से व्यायाम करें।
समय-समय पर शुगर ब्लड प्रेशर
और कोलेस्ट्रॉल आदि की जांच
करवाते रहें। डॉक्टर द्वारा दी गई
दवाई नियमित रूप से लें अपने
मन से कोई दवाई बंद ना करें।
डायबिटीज को खत्म करने वाले
भ्रामक बिज्ञपनो के झांसे में ना
आएं सेहत को नुकसान पहुंचा
सकते है