रविवार की दोपहर करीब चार बजे दिल्ली-NCR में भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.1 मापी गई। भूकंप का केंद्र हरियाणा का फरीदाबाद रहा।
नयी दिल्ली | रविवार की दोपहर करीब चार बजे दिल्ली-NCR में भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.1 मापी गई। भूकंप का केंद्र हरियाणा का फरीदाबाद रहा। ये झटके इतने तेज थे कि लोग घबराकर अपने अपने घरों से बाहर निकल सड़क पर आ गए। एनसीआर के फरीदाबाद, गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गुरुग्राम में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए।
बार- बार क्यों आता है भूकंप?
दरअसल , पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप बन जाती है ।
भूंकप के केंद्र और तीव्रता का मतलब जानें क्या होता है ?
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा बाहर निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव धीरे धीरे कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका भी तेज हो जाता है। लेकिन, यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र भी प्रभावित होगा।
कैसे मापा जाता है भूकंप की तिव्रता और क्या है मापने का तरीका ?
भूंकप की जांच रिक्टर स्केल की जाती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। जब भूकंप आता है इस दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा उत्पन्न होती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का भी अंदाजा लगया जाता है।