Skin Diseases : चर्म रोग क्या है | यह कितने प्रकर का होता है | इसके लक्षण और उपाय व दवा, सब जानें विस्तार से

Skin Diseases : चर्म रोग क्या है | यह कितने प्रकर का होता है | इसके लक्षण और उपाय व दवा, सब जानें विस्तार से

Skin Diseases : चर्म रोग, जिसे त्वचा रोग भी कहा जाता है, एक व्यापक शब्द है जिसका अर्थ होता है कि शरीर की त्वचा पर होने वाली किसी भी समस्या को चर्म रोग कहा जा सकता है। 

चर्म रोग क्या है | यह कितने प्रकर का होता है | इसके लक्षण और उपाय व दवा, सब जानें विस्तार से


यह रोग किसी भी आयु वर्ग को प्रभावित कर सकता है और इसके कई प्रकार होते हैं, जैसे कि चर्म इन्फेक्शन, एक्जेमा, प्सोरायसिस, एक्ने, डर्मेटाइटिस, और अन्य। इस रिपोर्ट में, हम चर्म रोग के प्रकार, कारण, लक्षण, निदान, और उपचार के बारे में विस्तार से जानेंगे।

चर्म रोग के प्रकार  (Types of skin diseases )

चर्म इन्फेक्शन: यह रोग वायरस, बैक्टीरिया, फंगस, और पैराजाइट्स के कारण हो सकता है, और इसमें जानसीदा खुजली, लालिमा, और चकत्ते के उपदर्शन हो सकते हैं।

एक्जेमा: यह एक त्वचा की सूजन और खुजली का अवसर बनाता है और आमतौर पर बच्चों में होता है, लेकिन यह वयस्कों में भी हो सकता है।

प्सोरायसिस: यह त्वचा पर लाल और छलांग की भांति की जाती है, और यह आमतौर पर कोड़ जाता है।

एक्ने: यह युवाओं में आमतौर पर दिखाई देता है और त्वचा पर दानों और गड्ढों का निर्माण करता है।

डर्मेटाइटिस: यह त्वचा की सूजन और खुजली का कारण बनता है, और यह विभिन्न कारणों से हो सकता है, जैसे कि एलर्जी या संपर्क डर्मेटाइटिस।

चर्म रोग के कारण  (Causes of skin diseases)

चर्म रोग के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि:

आनुवांशिक तत्व: कुछ चर्म रोग आनुवांशिक हो सकते हैं, जिसका अर्थ है कि वे परिवार में एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को प्राप्त हो सकते हैं।

अद्यतन जीवनशैली: अधिक स्ट्रेस, अन्य प्रदूषण, तंबाकू और अल्कोहल का सेवन, और अधिक बदलते आहार के कारण चर्म रोग हो सकते हैं।

त्वचा का संपर्क: किसी भी अजीब या नकारात्मक त्वचा के संपर्क के कारण चर्म रोग हो सकता है, जैसे कि एलर्जी या अन्य प्रतिक्रियाएँ।

चर्म रोग के लक्षण  (Skin diseases names)

चर्म रोग के लक्षण व्यक्ति के रोग के प्रकार और स्थिति के आधार पर बदल सकते हैं। यह उसके किसी विशिष्ट चर्म रोग के स्वरूप और स्थान के आधार पर भी भिन्न हो सकते हैं। निम्नलिखित कुछ सामान्य चर्म रोग के लक्षण हो सकते हैं:

खुजली (Itching): सबसे सामान्य और चर्म रोग के प्रमुख लक्षण में से एक है खुजली का होना। त्वचा पर खुजली होने के अलावा, यह जलन, त्वचा की रुखाई, और सूजन के साथ हो सकता है।

दाने और छाले (Pimples and Sores): चर्म रोग के कुछ प्रकार त्वचा पर दाने और छाले का कारण बन सकते हैं। इनमें से कुछ दाने बहुत छोटे हो सकते हैं, जबकि अन्य बड़े और पुराने हो सकते हैं।

रंग में परिवर्तन (Skin Discoloration): चर्म रोग के कुछ प्रकार त्वचा के रंग में परिवर्तन कर सकते हैं, जैसे कि लाल, पीला, या काला होना।

सूजन (Swelling): त्वचा पर सूजन भी एक चर्म रोग के लक्षण हो सकती है, खासकर जब इन्फेक्शन होता है।

खराब त्वचा की सूचना (Abnormal Skin Texture): कुछ चर्म रोग त्वचा की सूचना में परिवर्तन कर सकते हैं, जैसे कि त्वचा की गड्ढे, खरोंच या सूजन का होना।

सुखापन और रुखापन (Dryness and Scaling): कुछ चर्म रोग त्वचा को सुखा और रुखा बना सकते हैं, जिससे त्वचा की तरहतरह की समस्याएँ हो सकती हैं।

दर्द और त्वचा की तकलीफ (Pain and Skin Sensation): कुछ चर्म रोग त्वचा पर दर्द और असहनीय तकलीफ का कारण बना सकते हैं।

ब्लीडिंग (Bleeding): कुछ चर्म रोग त्वचा पर छालों या दानों से ब्लीडिंग करवा सकते हैं।

यदि किसी व्यक्ति को ये लक्षण मिलते हैं तो वह त्वचा रोग स्पेशियलिस्ट से सलाह लेना चाहिए ताकि सही निदान और उपचार की जा सके। चर्म रोग के लक्षण और उनके स्वरूप में विभिन्नताएँ हो सकती हैं, इसलिए सही निदान के लिए चिकित्सक की सलाह बेहद महत्वपूर्ण है।


चर्म रोग के आयुर्वेदिक उपाय /दवा ( Ayurvedic remedies/medicines for skin diseases )

चर्म रोग के आयुर्वेदिक उपाय और दवाइयाँ व्यक्ति के रोग के प्रकार और स्थिति के आधार पर अलग-अलग हो सकती हैं। आयुर्वेद में चर्म रोग के उपचार के लिए कई प्राकृतिक तरीके हैं जो त्वचा के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और रोग को ठीक करने में मदद कर सकते हैं। यहां कुछ आयुर्वेदिक उपाय और दवाइयाँ हैं जो चर्म रोग के इलाज में मदद कर सकती हैं:

नीम (Neem): नीम के पत्तों और तने में गुणकारी और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो चर्म रोग के इलाज में मदद कर सकते हैं। नीम के पेस्ट को दिन में कुछ बार चर्म पर लगाने से राहत मिल सकती है।

आलोवेरा (Aloe Vera): आलोवेरा का जेल त्वचा को ठंडा करने और त्वचा के लिए उपयोगी होता है। यह त्वचा को सूजन, खुजली, और छालों से राहत प्रदान कर सकता है।

जड़ी बूटियाँ (Herbal Remedies): आयुर्वेद में कई जड़ी बूटियों का उपयोग चर्म रोग के इलाज में किया जाता है, जैसे कि नीम, मन्जिष्ठ, गुडूची, और तुलसी।

घृतकुमारी (Kumari): घृतकुमारी का रस त्वचा को शांति प्रदान करने में मदद कर सकता है और चर्म रोग के लक्षणों को कम कर सकता है।

आयुर्वेदिक लेप (Ayurvedic Pastes): चर्म रोग के इलाज के लिए विशेष आयुर्वेदिक लेप तैयार किए जाते हैं, जो त्वचा पर लगाने से लाभ मिल सकता है।

प्राकृतिक आहार (Natural Diet): स्वस्थ आहार का सेवन करना चर्म रोग के इलाज में महत्वपूर्ण होता है। हर्बल चाय, फल, सब्जियाँ, और प्राकृतिक तेलों का उपयोग करें।

योग और प्राणायाम (Yoga and Pranayama): योग और प्राणायाम त्वचा के स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकते हैं, और तनाव को कम करने में भी मदद कर सकते हैं।

प्राकृतिक सूख्यंत्रण (Hydration): प्राकृतिक सूख्यंत्रण का पालन करें, ताकि त्वचा सही से हाइड्रेटेड रहे।

कृपया ध्यान दें कि चर्म रोग के उपचार के लिए आयुर्वेदिक दवाइयों का उपयोग करने से पहले एक आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लेना हम

चर्म रोग के एलोपैथिक उपाय /दवा ( Allopathic remedies/medicines for skin diseases)

चर्म रोग के इलाज के लिए एलोपैथिक उपाय और दवाएं डॉक्टर के परामर्श और निदान के बाद ही लेनी चाहिए। चर्म रोग के इलाज में डॉक्टर त्वचा के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सही दवाएं और उपचार सुझाएंगे। निम्नलिखित कुछ आम एलोपैथिक दवाएं और उपाय हो सकते हैं:

स्टेरॉयड क्रीम: स्टेरॉयड क्रीम चर्म रोग के खुजली और सूजन को कम करने में मदद कर सकती है। डॉक्टर के परामर्श के बिना इन्हें ना लें, क्योंकि वे दवाओं को सही तरीके से प्रयोग करने की मार्गदर्शन कर सकते हैं।

एंटीहिस्टैमीनिक दवाएं: ये दवाएं खुजली और एलर्जी के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती हैं।

एमोलिएंट्स (Emollients): एमोलिएंट्स त्वचा को नर्म, मुलायम, और तर करने में मदद करते हैं और सूखापन को कम कर सकते हैं।

विटामिन डी सुप्लीमेंट्स: कुछ चर्म रोग जैसे कि प्सोरायसिस के लिए विटामिन डी सुप्लीमेंट्स का प्रयोग किया जा सकता है।

अंटीबायोटिक्स: चर्म रोग के इन्फेक्शन के कारण होने पर डॉक्टर अंटीबायोटिक्स की पर्चिप्सी कर सकते हैं।

आपूर्ति दवाएं (Immunosuppressive Drugs): कुछ बार, जब चर्म रोग संबंधित तंबाकू या अन्य ऑटोइम्यून समस्याओं के साथ होता है, तो आपूर्ति दवाएं भी प्रयोग की जा सकती हैं।

लेजर थैरेपी (Laser Therapy): चर्म रोग के इलाज में लेजर थैरेपी का उपयोग किया जा सकता है, जिससे त्वचा पर छाले और दाने को हटाने में मदद मिल सकती है।

प्राकृतिक सूख्यंत्रण (Hydration): सही सूख्यंत्रण रखना चर्म रोग के इलाज में महत्वपूर्ण होता है।

कृपया ध्यान दें कि ये दवाएं और उपचार डॉक्टर के सुझाव के मुताबिक ही ली जानी चाहिए, और डॉक्टर के परामर्श के बिना कोई भी दवा ना लें।


चर्म रोग के होमियपथिक उपाय /दवा  ( Homeopathic remedies/medicines for skin diseases)

चर्म रोग के होम्योपैथिक उपाय और दवाएँ होम्योपैथी चिकित्सा प्रणाली के अनुसार तैयार की जाती हैं और व्यक्ति के लक्षण और प्रकृति के आधार पर प्राधिकृत की जाती हैं। होम्योपैथिक चिकित्सक के परामर्श के बिना किसी भी होम्योपैथिक उपचार का आरंभ न करें, क्योंकि होम्योपैथिक चिकित्सा व्यक्ति की प्रकृति, लक्षण, और इतिहास के आधार पर निर्धारित की जाती है। निम्नलिखित कुछ होम्योपैथिक उपाय और दवाएँ चर्म रोग के इलाज के लिए सुझाए जा सकते हैं:

Rhus Toxicodendron: यह दवा चर्म रोग में होने वाले खुजली और छालों के लिए प्रयोग की जाती है। यदि खुजली बारिश या सर्दियों में बढ़ जाती है, तो यह दवा लाभकारी हो सकती है।

Sulphur: चर्म रोग में सुल्फर का उपयोग खुजली, लालिमा, और सूखापन के लक्षणों को कम करने के लिए किया जा सकता है।

Graphites: यदि चर्म रोग से होने वाले दाने निकल रहे हैं और यह दाने सूजे हुए होते हैं और थकावट के बाद बढ़ते हैं, तो ग्राफाइट्स का उपयोग किया जा सकता है।

Arsenicum Album: यदि चर्म रोग के लक्षणों में जलन और सूखापन शामिल है, तो आर्सेनिकम आल्बम एक विकल्प हो सकता है।

Petroleum: यदि चर्म रोग के लक्षणों में खुजली और खरोंच के साथ त्वचा की सूखापन है, तो पेट्रोलियम दवा का प्रयोग किया जा सकता है।

Sepia: यदि महिलाएं चर्म रोग के लक्षणों के साथ हार-दर हो रही हैं, तो सेपिया दवा एक विकल्प हो सकता है।

सूख्यंत्रण (Hydration): त्वचा को आवश्यक मात्रा में पानी से भरपूर रखना चर्म रोग के उपचार में महत्वपूर्ण है।

कृपया ध्यान दें कि होम्योपैथिक उपचार के लिए एक प्रमाणित होम्योपैथिक चिकित्सक की सलाह लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे व्यक्ति के लक्षण और प्रकृति के आधार पर सही दवाओं की चयन करेंगे और उपचार का पर्यापन करेंगे।

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