चंदौली की बड़ी खबर : विकास कार्य के हर बोर्ड पर क्यों नहीं लिखी जाती उसकी लागत ,क्या यह भ्रष्टाचार है ? आईपीएफ नेता ने उठाया सवाल !

चंदौली की बड़ी खबर : विकास कार्य के हर बोर्ड पर क्यों नहीं लिखी जाती उसकी लागत ,क्या यह भ्रष्टाचार है ? आईपीएफ नेता ने उठाया सवाल !

विकास कार्य के बोर्ड पर उनका नाम हों जैसे लोकसभा व विधानसभा महिला जनप्रतिनिधियों का होता हैं और हर विकास के कार्य का लगभग लागत का जिक्र अवश्य होना चाहिए | 

चंदौली की बड़ी खबर :  विकास कार्य के हर बोर्ड पर क्यों नहीं लिखी जाती उसकी लागत ,क्या यह भ्रष्टाचार है ?  आईपीएफ नेता ने उठाया सवाल !

मुख्य बातें :-

विकास कार्य के हर बोर्ड पर क्यों नहीं लिखी जाती उसकी लागत ?

बोर्ड पर महिला जनप्रतिनिधियों का नाम लिखा जाए व बैठक में उनकी उपस्थिति की गारंटी हो 

भाजपा की महिला सशक्तिकरण करने की बातें सिर्फ जुमलेबाजी 

 चन्दौली | आईपीएफ नेता अजय राय कहते हैं कि सरकारी बैठक को भाजपा नेताओं की बैठक न बनने दिया जाए , इसकी गारंटी विभाग के अधिकारी करें व कार्य दिवस के दिन सरकारी भवन सत्तारूढ़ दल को पार्टी बैठक बैनर के साथ करने के लिए न दिया जाए | 

महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत काम हों या राज्य वित्त, पंद्रहवीं वित्त का विकास  कार्य के बोर्ड में अब लगभग कई जगह जहां जिला पंचायत सदस्य , सोसायटी में अध्यक्ष या कुछ जगह ग्राम पंचायत प्रधान या क्षेत्र पंचायत सदस्य अपना सदस्य नाम लिखवा रहें हैं,  कुछ सदस्य तो हर जगह अपना नाम सदस्य बनकर लिखवा रहें हैं  | भाजपा विधायक काम के उद्घाटन के लिए बने बोर्ड पर से पर्दा हटाते हैं, लेकिन कोई विरोध नहीं करते हैं कि पत्नी सदस्य हैं तो उनकी नाम क्यों नहीं हैं या पत्नी सदस्य की प्रतिनिधि बनकर नहीं खुद सदस्य बनकर बोर्ड पर नाम लिखा हैं | 

अजय राय सवाल उठाते हुए कहते हैं यही है भाजपा महिला सशक्तिकरण की स्थिति | यहीं नहीं लगभग सभी बोर्ड के बैठक में चाहें जिला पंचायत सदस्य   बोर्ड की बैठक हो या क्षेत्र पंचायत - ग्राम पंचायत प्रधान की संयुक्त ब्लाक की बैठक में महिला जनप्रतिनिधियों की जगह पति प्रतिनिधि बनकर नहीं सदस्य बनकर बैठते हैं और अधिकारी उसका विरोध तक नहीं करते हैं | 

  यहां  तक की महिला प्रधान की प्रतिनिधि कहकर सम्बोधित नहीं करते प्रधान या क्षेत्र पंचायत सदस्य कह कह कर सम्बोधित करते हैं | लगभग हर सरकारी बैठक आज भाजपा नेताओं की उपस्थिति की बैठक बनकर नहीं रह गया हैं |  हर विकास कार्यों के लगने वाले बोर्ड पर काम का लगभग लागत लिखा जाता था लेकिन वह लागत लगभग हर बोर्ड से गायब हैं | 

कहते हैं कि भाजपा विधानसभा के विधायक का बोर्ड चकिया में तो लगभग न के बराबर दिखाई देता हैं !  गांव के विकास , जिला पंचायत क्षेत्र के विकास , क्षेत्र विकास का मद का पैसा गांव में खोज - खोज कर मंदिर - मजार में हाट बाजार के नाम पर टीन सेड लगाने , गांव के बाहर गेट बनाने में खर्च हो रहा हैं! अगर यह पैसा रहता तो मनरेगा में मजदूरों को काम देकर रोजगार देने ,नहर की सफाई ,चक रोड़ चक नाली , आवागमन के लिए पुलिया ,चकडैम बनता लेकिन यह नहीं हो रहा है |

 आईपीएफ राज्य कार्य समिति सदस्य अजय राय ने भाजपा की महिला सशक्तिकरण के नारे को भाजपा की जुमलेबाजी क़रार देते हुए हर बोर्ड की बैठक में चुनें महिला जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति को विभागीय अधिकारियों द्वारा गारंटी करने की मांग उठाई हैं और विकास कार्य के बोर्ड पर उनका नाम हों जैसे लोकसभा व विधानसभा महिला जनप्रतिनिधियों का होता हैं और हर विकास के कार्य का लगभग लागत का जिक्र अवश्य होना चाहिए | 

  कहते हैं कि माननीय राजनाथ  सिंह जी के गांव में चक डैम, चक नाली न बनने से कई किसानों का खेत से लेकर उनके खेत तक पानी के अभाव में कई वर्षों से परती हैं |  यहां तक कि भभौरा गांव के लोग बताते हैं कि पानी की व्यवस्था न होने से कई वर्षों से उनकी भी कई खेत परती रह जा रहा हैं |  अब जब गांव - गांव में खोजकर मंदिर मजार पर टीन शेड हाट बाजार के नाम पर लग रहा हैं तो गांव में बने महापुरुष डाक्टर अम्बेडकर साहब , रविदास जी के मूर्ति के सामने भी लगाया जाना चाहिए | 

 पहले गांव के बाहर गेट पर देश के लिए शहीद होने वाले जवानों व स्वतंत्रता सेनानी के नाम पर बनता था,  इस बात पर सहमत हैं कि हर सहकारी समितियों पर किसानों को गर्मी - बरसात से राहत देने के लिए टीन शेड लगे हुए हैं | यह बढ़िया काम हैं, किसानों के लिए हितकर हैं |  

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