दुबई से तस्करी कर लाया गया 46.47 लाख का सोना एक यात्री के पास से पकड़ा गया है। उस यात्री को सरोजनीनगर पुलिस ने चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट के बाहर दबोचा।
लखनऊ, पूर्वांचल न्यूज प्रिंट । दुबई से तस्करी कर लाया गया 46.47 लाख का सोना एक यात्री के पास से पकड़ा गया है। उस यात्री को सरोजनीनगर पुलिस ने चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट के बाहर दबोचा। आरोपी सोने का बुरादा कंडोम में भर कर वः अपने गुप्तांग में छिपाकर लाया था। पूछताछ में उसने इस माह 12 बार इसी जुगत से दुबई से सोना पहुंचाने की बात भी कबूल किया है । पुलिस ने पकड़े गए यात्री तीन लोगों को कस्टम अधिकारियों को सौंप दिया ।
उल्लेखनीय हो कि 28 अक्टूबर को रात करीब 10 बजे दुबई से लखनऊ एयरपोर्ट इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट (6 ई 1484) के यात्री पहुंचे थे। इस दौरान सरोजनीनगर थाने के उप निरीक्षक जग प्रसाद टीम के साथ एयरपोर्ट के बाहर एक अन्य मामले को लेकर संदिग्धों की तलाश की जा रही थी ।
उनकी नजर एयरपोर्ट बिल्डिंग से बाहर निकले जब एक संदिग्ध युवक से मिलने पहुंचे दो साथियों पर पड़ी तो । उन्हें संदेह के आधार पर तीनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गयी तो बड़ा खुलासा हुआ। पूछताछ में बिहार के गोपालगंज निवासी राजू कुमारके मुताबिक वह दुबई से होकर इस फ्लाइट में सोना लेकर यहां पहुंचा है। तलाशी में उसके पास से 46.47 लाख रुपये का सोना भी बरामद किया गया । उसने बताया कि सोने का बुरादा बनाकर जेली में मिलाकर उसे कंडोम में भर करके लाएं हैं ।
इसके बाद अपने गुप्तांग में छिपाकर यहां तक पहुंचे हैं। सोने की तस्करी करने वाले राजस्थान के मुस्तफा रजा सहित दो साथी लखनऊ एयरपोर्ट पर पहले से ही उसके इंतजार में थे। राजू कुमार ने खुलासा किया कि इस महीने अब तक वह 12 बार दुबई से सोना लेकर यहां आ चुका है। लखनऊ एयरपोर्ट पर तैनात जिम्मेदार अधिकारियों से डील होने के बाद हर बार आराम से निकलते रहे हैं । उपनिरीक्षक ने तीनों को कस्टम अधिकारियों को सुपुर्द कर दिया है।
एयर पोर्ट के अधिकारियों द्वारा किया गया यह कोई पहला खेल नहीं !
इस मामले में कस्टम अधिकारियों ने खुद को फंसता देख, पुलिस को बताया कि 50 लाख से कम का सोना होने के कारण इन्हें छोड़ दिया गया है । अब आरोपियों की जांच शुरू है। सूत्रों की मानें तो लखनऊ एयरपोर्ट पर तैनात जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा किया गया यह कोई पहला खेल नहीं है। बल्कि आए दिन मोटी रकम मिलने से ऐसे मामले होते रहते हैं। सूत्रों की मानें तो पकड़ा सिर्फ उन्हीं को जाता है जो जिम्मेदारों को मैनेज नहीं कर पाते हैं ।