यूपी के अधिकांश व अनिवार्य किये जनपदों के परिषदीय स्कूलों में शिक्षक और बच्चों की ऑनलाइन हाजिरी अभी तक शुरू नहीं हो सकी है, यह अफसरों के लिए चुनौती बनी हुयी है |
यूपी में चुनौती बनीं स्कूलों में ऑनलाइन उपस्थिति |
लखनऊ , पूर्वांचल न्यूज प्रिंट । यूपी के अधिकांश व अनिवार्य किये जनपदों के परिषदीय स्कूलों में शिक्षक और बच्चों की ऑनलाइन हाजिरी अभी तक शुरू नहीं हो सकी है, यह अफसरों के लिए चुनौती बनी हुयी है | जबकि, एक महीने पहले अधिकांश विद्यालयों में टैबलेट बांटे जा चुके हैं। शिक्षकों का विरोध समेत कई अड़चन इसमें बांधा बनी हुई हैं।
अफसरों के अनुसार बरेली जिले में 2120 में से 2021 स्कूलों में 3895 टैबलेट वितरित किए जा चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक शिक्षकों के विरोध के बीच ऑनलाइन उपस्थिति की प्रक्रिया शुरू कराना विभाग के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। शिक्षक संगठन इस प्रक्रिया का शुरू से विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक उनकी पुरानी पेंशन बहाली समेत तमाम मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक वह इस प्रक्रिया को नहीं अपनाएंगे। ऐसी तरह ने जनपदों में भी टैबलेट उपलब्ध करा दिए गए हैं |
बिना प्रशिक्षण और सिम के कैसे शुरू होगी ऑनलाइन उपस्थिति
टैबलेट से ऑनलाइन उपस्थित दर्ज करने के लिए शिक्षकों को अभी प्रशिक्षण नहीं दिया गया है। टैबलेट के लिए सिम भी मुहैया नहीं कराया गया है। सूत्रों के मुताबिक प्रशिक्षण के लिए विभाग को अभी शासन की ओर से निर्देश का इंतजार है।
जनपद बरेली जिले का यह हल, ये क्या कहते हैं ?
टैबलेट से उपस्थिति अव्यवहारिक है। इस व्यवस्था को लागू करने पर शिक्षकों को समय की छूट दी जाए।-पूजा गंगवार, प्रभारी प्रधानाध्यापक
ऑनलाइन उपस्थिति के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट सिग्नल की उचित व्यवस्था होनी चाहिए, क्योंकि इन क्षेत्रों में आए दिन सिग्नल गायब रहते हैं।-दीपाली सक्सेना, सहायक अध्यापक
पुरानी पेंशन बहाली, पदोन्नति आदि मांगें जब तक पूरी नहीं होती हैं, तब तक ऑनलाइन उपस्थिति की व्यवस्था को स्वीकार्य नहीं किया जाएगा। मुकेश सिंह चौहान, मंडलीय मंत्री, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ