योगी सरकार प्रदेश की जनता को गुणवत्तापूर्ण और सस्ता इलाज उपलब्ध कराने के लिए लगातार काम कर रही है | वित्तीय वर्ष 2024-25 में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के लिए 27,086 करोड़ रुपये का भारी-भरकम बजट आवंटित किया है |
मुख्य बातें :-
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के लिए 27,086 करोड़ रुपये का भारी-भरकम बजट आवंटित
7,350 करोड़ रुपये से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना को मिलेगी नई उड़ान
अयोध्या, वाराणसी में मेडिकल कॉलेज की स्थापना
सरकारी क्षेत्र में स्नातक डिग्री नर्सिंग कॉलेजों की संख्या 6 से बढ़ाकर 23 कर दी गई
महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय, गोरखपुर का निर्माण कार्य पूरा कराया जायेगा
लखनऊ | योगी सरकार प्रदेश की जनता को गुणवत्तापूर्ण और सस्ता इलाज उपलब्ध कराने के लिए लगातार काम कर रही है। इसी कड़ी में राज्य में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के लिए मिशन मोड में काम चल रहा है। ऐसे में इसे और गति देने के लिए योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के लिए 27,086 करोड़ रुपये का भारी-भरकम बजट आवंटित किया है.
इस बजट से एक ओर जहां राष्ट्रीय ग्रामीण मिशन योजना, आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना समेत तमाम जनकल्याणकारी योजनाओं को गति मिलेगी, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनाए जाएंगे। प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन योजना के अंतर्गत शहरी क्षेत्र। केयर यूनिट को नई गति मिलेगी।
7,350 करोड़ रुपये से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना को मिलेगी नई उड़ान
योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत विभिन्न योजनाओं के लिए 7,350 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है. प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन योजना के तहत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में वेलनेस सेंटर केयर यूनिट और एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला की स्थापना के लिए 952 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के लिए 30 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. इसके अलावा प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लिए 322 करोड़ रुपये दिये गये.
पं.दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारियों के लिए कैशलेस चिकित्सा योजना के तहत निजी अस्पतालों में कैशलेस इलाज की व्यवस्था की गई है। इस पर 15 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, जिसका पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी. राज्य में वर्तमान में 65 मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें से 35 राज्य सरकार द्वारा और 30 निजी क्षेत्र द्वारा संचालित हैं। इसके अलावा, वर्तमान में 45 जिले मेडिकल कॉलेजों द्वारा कवर किए गए हैं, जबकि 14 जिलों में केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित मेडिकल कॉलेजों का निर्माण कार्य चल रहा है। 16 जिलों में निजी निवेश से मेडिकल कॉलेज स्थापित किये जायेंगे।
सरकारी क्षेत्र में स्नातक डिग्री नर्सिंग कॉलेजों की संख्या 6 से बढ़ाकर 23 कर दी गई है। वाराणसी में 400 करोड़ रुपये से मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जाएगी। असाध्य रोगों की निःशुल्क चिकित्सा सुविधा हेतु बजट में 125 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। सरकारी मेडिकल कॉलेजों में ट्रॉमा सेंटर लेवल-II को ट्रॉमा सेंटर लेवल-I (100 बेड)/एपेक्स ट्रॉमा सेंटर (200 बेड) में अपग्रेड करने के लिए 300 करोड़ रुपये की राशि दी गई है।
अयोध्या, वाराणसी में मेडिकल कॉलेज की स्थापना
आयुष्मान कार्यक्रम के तहत 1,600 स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जबकि 1,035 सरकारी आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी अस्पतालों को स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों में परिवर्तित किया जाएगा। वर्तमान में, राज्य के विभिन्न जिलों में 2,110 आयुर्वेदिक, 254 यूनानी, 1,585 होम्योपैथिक अस्पतालों के साथ-साथ 8 आयुर्वेदिक, 2 यूनानी और 9 होम्योपैथिक कॉलेज और उनसे संबद्ध अस्पताल कार्यरत हैं।
बजट में आयुष विभाग के अंतर्गत महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय, गोरखपुर का निर्माण कार्य पूरा कराया जायेगा। इसके साथ ही अयोध्या में राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज और वाराणसी में राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जाएगी |