सुबह जब हाईकोर्ट के आदेश पर मजिस्ट्रेट और पुलिस टीम पहुंची और कार्रवाई शुरू की तो कब्जाधारियों ने दो दिन का समय मांगा | उन्होंने कहा कि वे स्वयं दो दिन में अतिक्रमण हटा देंगे।
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गौरा गांव में खलिहान पर बने भवन को ध्वस्त करता सरकारी बुलडोजर |
बलिया। प्रशासन ने शुक्रवार को ग्राम सभा की जमीन पर बने खलिहान और भवनों पर बुलडोजर चलाया । इससे जिले के गौरा गांव में अफरा-तफरी मच गई. सुबह जब हाईकोर्ट के आदेश पर मजिस्ट्रेट और पुलिस टीम पहुंची और कार्रवाई शुरू की तो कब्जाधारियों ने दो दिन का समय मांगा | उन्होंने कहा कि वे स्वयं दो दिन में अतिक्रमण हटा देंगे।
जिले के नगरा ब्लॉक के गौरा गांव में गांव के ही खरभान प्रजापति, सदालू प्रजापति, रमेश और धनंजय ने एक एकड़ खलिहान और ग्राम समाज की जमीन पर पक्का मकान बना लिया। उसी गांव के राजेश शर्मा ने बेदखली का मामला दायर किया था. तहसील कोर्ट और जिला कोर्ट के बाद मामला हाई कोर्ट पहुंचा. हाईकोर्ट ने तहसीलदार को हर हाल में 7 फरवरी तक कार्रवाई कर रिपोर्ट पेश करने को कहा.
आदेश के अनुपालन में नायब तहसीलदार दीपक सिंह व भीमपुरा थाना प्रभारी मनोज सिंह के नेतृत्व में राजस्व टीम गांव पहुंची। गांव में बुलडोजर के पहुंचते ही अफरा-तफरी मच गई। अतिक्रमण को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया, लेकिन आक्रमणकारियों ने प्रशासन से दो दिन की मोहलत मांगी। नायब तहसीलदार को बताया कि कब्जाधारी खुद ही अतिक्रमण हटा रहे हैं। कंक्रीट की इमारत को गिराने के लिए एक बुलडोजर पहुंचाया गया। दो दिन के अंदर अतिक्रमण हटा दिया जाएगा।
लेखपालों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जाती ?
ग्रामसभा के खलिहानों, तालाबों और जमीनों की देखभाल और सुरक्षा के लिए गांवों में लेखपालों को तैनात किया जाता है, लेकिन वे इनके बारे में जानते हुए भी अनजान बने रहते हैं। गौरा गांव में इतनी बड़ी बिल्डिंग बन गई, लेकिन इसकी जानकारी लेखपाल को नहीं हुई। यदि शुरूआती दौर में ही आक्रमण रोक दिया गया होता तो इतना बड़ा पक्का मकान नहीं बन पाता। इन मामलों में,अवैध कब्जेदारों की तुलना में लेखपाल अधिक दोषी हैं।जबकि प्रशासन की ओर से उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है|