सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 के कार्यान्वयन पर रोक लगाने की मांग वाली याचिकाओं पर तीन सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र से नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 के कार्यान्वयन पर रोक लगाने की मांग वाली याचिकाओं पर तीन सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ अब सुनवाई करेगी। मामला 9 अप्रैल का
केंद्र की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल तुषार मेहता ने अदालत से कहा कि उन्हें 20 अनुरोधों का जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय चाहिए। इन याचिकाओं में अनुरोध किया गया है कि जब तक शीर्ष अदालत नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए), 2019 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला नहीं कर लेती, तब तक संबंधित नियमों पर रोक लगाई जाए।
मेहता ने पीठ से कहा, ''यह (सीएए) किसी की नागरिकता नहीं छीनता।'' संसद द्वारा विवादास्पद कानून पारित करने के चार साल बाद, केंद्र ने 11 मार्च को संबंधित नियमों को अधिसूचित करने के साथ-साथ नागरिकता (संशोधन) अधिनियम में संशोधन किया। इसने 2019 में कार्यान्वयन का मार्ग प्रशस्त किया।
यह कानून 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को शीघ्र भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान करता है।