सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने,धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने, किसी जाति धर्म विशेष पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने, भड़काऊ मैसेज पोस्ट करने और शेयर करने वालों के खिलाफ केस दर्ज कर गिरफ्तारी की जाएगी।
![]() |
SP Chandauli Dr, Anil Kumar |
➧2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पुलिस विशेषज्ञों की टीम सभी सोशल मीडिया पोस्ट पर बारीकी से रख रही नजर
दिवाकर राय / चंदौली ब्यूरो चीफ / पूर्वांचल न्यूज़ प्रिंट द्वारा
अगर आप सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट कर रहे हैं तो सावधान हो जाएं। उत्तेजना से होश न खोएं | किसी की भावनाओं को ठेस न पहुँचाएँ और न ही किसी के साथ ग़लत टिप्पणियाँ साझा करें। अगर आप ऐसा करेंगे तो आपके सभी पोस्ट पर पुलिस की नजर रहेगी आपकी लापरवाही और जरा सी गलती न सिर्फ आपके लिए बल्कि एडमिनिस्ट्रेटर के लिए भी परेशानी का कारण बन सकती है।
मुख्य चुनाव आयुक्त के निर्देश के बाद चंदौली पुलिस अधीक्षक डॉ अनिल कुमार ने पुलिस सोशल मीडिया सेल टीम को सक्रिय कर दिया है. सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने, किसी जाति या धर्म विशेष के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करने, भड़काऊ ऑडियो-वीडियो का आदान-प्रदान करने के अलावा राजनीतिक टिप्पणियों वाले संदेश और ब्लॉग प्रकाशित करने पर प्रतिबंध लगाया गया है । सोशल मीडिया पर किए गए हर पोस्ट की जांच की जा रही है |
लोकसभा चुनाव का बिगुल बजते ही सोशल मीडिया पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं-कार्यकर्ताओं के साथ-साथ समर्थकों की भी सक्रियता बढ़ गयी है | सोशल मीडिया पर पार्टी और उम्मीदवार के अभियान की निगरानी के लिए एक सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल की स्थापना की गई थी। इस सेल का काम व्हाट्सएप ग्रुप, फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, वेबसाइट ब्लॉग और अन्य पर नजर रखना है।
सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने, किसी जाति धर्म विशेष पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने, भड़काऊ संदेश प्रकाशित व साझा करने वालों के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। मैसेज शेयर और पब्लिश करने वालों के साथ-साथ ग्रुप एडमिन भी इस कार्रवाई से नहीं बच पाएंगे |
मुख्य चुनाव आयुक्त ने अधिसूचना जारी करते हुए सोशल मीडिया के लिए दिशानिर्देश भी जारी किये. इसके लिए उन्होंने प्रमुख सोशल नेटवर्क जैसे गूगल, फेसबुक आदि के लिए अलग-अलग नियम जारी किए हैं। पुलिस अधिकारियों ने ट्विटर, इंस्टाग्राम, फेसबुक, यूट्यूब, व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया पर राजनीतिक दलों और अन्य संदेशों से संबंधित किसी भी वीडियो या ऑडियो को पोस्ट करने और साझा करने वालों पर नजर रखने के लिए जिले में एक सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल की स्थापना की गयी है।
यह सेल पुलिस अधीक्षक कार्यालय में संचालित होता है | सेल में आईटी स्पेशलिस्ट इंस्पेक्टर समेत हेड कांस्टेबल और कांस्टेबलों की तैनाती की गई है। पुलिस द्वारा गठित सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल ने अपना काम शुरू कर दिया है | इसी प्रकार जिला निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा भी एक कोषांग का गठन किया गया. जो राजनीतिक दलों और उनके नेताओं की ओर से विज्ञापन से जुड़ी खबरों और चुनावी घोषणाओं पर नजर रखेगी |