" क्या यही हुआ विकास ! वनगांवा में एक सरकारी अस्पताल व इंटर कॉलेज देने में विफल रही सरकारें "

" क्या यही हुआ विकास ! वनगांवा में एक सरकारी अस्पताल व इंटर कॉलेज देने में विफल रही सरकारें "

आईपीएफ नेता अजय राय ने राबर्ट्सगंज लोकसभा सांसद पकौड़ी कोल व भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पाण्डेय का संसदीय क्षेत्र चंदौली जनपद होने पर भी यह काम करने की दोनों पर अनदेखी करने का आरोप लगाया | 

" क्या यही हुआ विकास ! वनगांवा में एक सरकारी अस्पताल व इंटर कॉलेज देने में विफल रही सरकारें "


चकिया / चंदौली , पूर्वांचल न्यूज प्रिंट |  नब्बे के दशक में जंगलों से चौतरफा घिरा व पहाड़ों के नीचे बसें करीब बीस गांवों में फैल रहें नक्सलवाद पर रोक लगाने के लिए भलें की कठिन आवागमन को सुगम बनाने के लिए गैर भाजपा  की सरकार व डबंल इंजन की सरकार ने रोड़ बना दिया, लेकिन यहां के निवासियों की बुनियादी सुविधाएं देने  में सपा - बसपा की सरकार की तरह ही डबंल इंजन की सरकार  भी विफल रहीं हैं | 

 छीतमपुर ,डोड़नपुर ,वन भिषमपुर ,कौडिहार ,मुसाखाड़ सहित दर्जनों गांवों के निवासियों की जरूरत हैं  | एक अदद् अस्पताल व इंटर कॉलेज  की वह भी इंटर कालेज लड़कियों के लिए खासकर लेकिन मांग के बाद भी राबर्ट्सगंज लोकसभा सांसद पकौड़ी  कोल और चंदौली जनपद ही संसदीय  क्षेत्र भारी उद्योग  मंत्रालय भारत सरकार का भी होने के बावजूद दोनों संसदीय जनप्रतिनिधि व विधायक देने में रहें  विफल हैं | 

इन लोगों का एक कार्य काल नहीं बीते हैं करीब दो कार्य काल से कर रहें हैं , जनप्रतिनिधत्व लेकिन वहीं कोढ़ में खाज की तरह टावर की सूविधा न रहने या न पकड़ने के कारण मोबाईल से जन सम्पर्क भी खत्म हो जाती हैं |  करीब बारह किलोमीटर की दूरी तय करने व निजी साधन न हो  और सहायता में अपनी साधन न दे तो किसी गम्भीर या साधारण बिमार को चकिया रात में ईलाज के लिए लाने में काफी संकट का सामना करना पड़ता हैं | 

  पढ़ाई के लिए भी लड़कियों व लड़कों घंटो साइकिल चलाकर उच्च शिक्षा के लिए चकिया आना पड़ता हैं ! राबर्ट्सगंज लोकसभा में भाजपा के सहयोगी अपना दल सांसद पकोड़ी कोल से इन समस्या पर आवाज उठाने या हल कराने की हम क्या बात करें जो वनाधिकार कानून लागू होने के बाद भी यहां से लेकर नौगढ़ सोनभद्र तक के वनाधिकार कानून के दावे दाखिल करने वाले दावेदार जो पुश्तैनी से वृक्ष विहीन जंगल में बसे हैं उनको अधिकार नहीं नही दिला सकतें हैं कोल ,मुसहर ,खरवार सहित कई आदिवासी जातियों को आदिवासियों का दर्जा नहीं दिला सकतें हैं  | 

यहां तक की एनडीआरए की रिपोर्ट भी बताते हैं कि इन्होंने पांच साल में लगभग एक भी बार संसद में न बोलें हैं उनसे उम्मीद नहीं हैं लेकिन भाजपा पार्टी व चंदौली जनपद के संसदीय क्षेत्र से भारी उघोग मंत्रालय के मंत्री व चकिया के बेटे कहें जाने वाले रक्षामंत्री माननीय राजनाथसिंह से उम्मीद थी लेकिन सब पर पानी फिर गया एक आवाज नहीं उठी ,विधान सभा में भी नहीं , भाजपा संगठन की राजनैतिक कार्यक्रम की भी विषय नहीं बना 
आईपीएफ राज्य कार्य समिति सदस्य अजय राय ने लगातार इस मांग को उठाया हैं जब जब माननीय राजनाथ सिंह चकिया में चुनावी भाषण देने आए हैं तो इस इलाके की निवासियों की तरफ से खुला मांग पत्र जारी करने का काम किया हैं ! अभी तक मुसाखांड़ को विस्थापन किए किसानों को जमीन नहीं मिली हैं धान - गेहूं खरीद करने के लिए सरकारी क्रय-विक्रय केन्द्र खोलने में सरकार विफल रहीं हैं  | 

 हां ज़रूर इस सरकार ने किया हैं बिहार के वार्डर तक देशी शराब की दूकान जरूर खुलवा दिया था जिससे रोक के बाबजूद बिहार में खुले आम शराब की तस्करी हो रहीं थी जिसकी स्थानीय महिलाओं व समाजसेवियों के विरोध पर हटाया गया ! इसलिए क्या इस बार वनगांवा के निवासियों की अदद् जरूरी अस्पताल व इंटर कॉलेज  चुनाव में मुद्दे बनेंगे और  एनडीए से लेकर इण्डिया गठबंधन इस मुद्दे को लेंगे भाजपा गठबंधन से उम्मीद हम क्या करें जब वह सैद्धांतिक तौर पर सरकारी अस्पताल बनाने के पक्षधर व शिक्षा क्षेत्र को विकसित करने में विश्वास नहीं रखते हैं लेकिन इंडिया गठबंधन तो इस जरूरी मुद्दे को तरजीह देगा ! आईपीएफ इस मुद्दे को आगे बढ़ाने के लिए मांग पत्र पर हस्ताक्षर कराकर हर पार्टी के प्रत्याशी को देंगी | 

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