भाजपा राज में मजदूरों के हर रोजगार देने के क्षेत्र को ठेकेदारी प्रथा के हवाले हो रहा : आईपीएफ

भाजपा राज में मजदूरों के हर रोजगार देने के क्षेत्र को ठेकेदारी प्रथा के हवाले हो रहा : आईपीएफ

 अब वन निगम से ज्यादा तेंदू पत्ता मजदूरों का शोषण होगा ठेकेदारी प्रथा में होगा | भाजपा राज में हर काम का ठेका करण हो रहा हैं जो मजदूर हीत में नहीं हैं | 
भाजपा राज में मजदूरों के हर रोजगार देने के क्षेत्र को ठेकेदारी प्रथा के हवाले हो रहा : आईपीएफ

 तेंदू पत्ता की तोड़ाई के लिए हरे- पेड़ को वन निगम ने दिया ठेकेदार को ठेका 

चंदौली, पूर्वांचल न्यूज प्रिंट  | ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब मजदूरों को तेंदू पत्ता की तोड़ाई की तोड़ाई करने से रोजगार मिलता था लेकिन तेंदू पत्ता के हरे पेड़ को ही वन निगम ने दिया ठेकेदारी में दिया ! पहले अगल- बगल के मजदूर तेंदू पत्ता की तोड़ाई करते थें और वन निगम के द्वारा लगाए गए फड़ पर तेंदू पत्ता की गड्डी बना कर वन निगम द्वारा निर्धारित रेट पर देते थें | 

 अब तेंदू पत्ता का हरे पेड़ को ही वन निगम ने ठेकेदारी प्रथा में दे दिया अब वन निगम से ज्यादा तेंदू पत्ता मजदूरों का शोषण होगा ठेकेदारी प्रथा में होगा  | भाजपा राज में हर काम का ठेकाकरण हो रहा हैं जो मजदूर हीत में नहीं हैं |   

उक्त बातें आज आईपीएफ राज्य कार्य समिति सदस्य अजय राय ने कई तेंदू पत्ता की हर साल तोड़ाई करने करने वाले मजदूरों से मिलकर कहा कि ठेकेदारी प्रथा से तेंदू पत्ता की तोड़ाई होने से मजदूरों का होगा शोषण ,वन निगम ने ठेकेदार से जो शर्तें रखीं हैं उसमें तेंदू पत्ता मजदूरों की मजदूरी कितनी होगी , स्थानीय मजदूरों से तेंदू पत्ता की तोड़ाई होगी ,उन तेंदू पत्ता मजदूरों को चिलचिलाती धूप में तेंदू पत्ता की तोड़ाई करेंगे तो सुविधा क्या होगी यह शर्त नदारद हैं | 

 जानकारी के अनुसार महाप्रबंधक रामकुमार तेंदू पत्ता उत्तर प्रदेश वन निगम ने हरे तेंदू पेड़ की विक्री के लिए नियम और शर्तें 2024 रखी थी और ठेकेदार को दे दिया हैं | जिसमें विभाग ने अपने लिए कई शर्त तो रखी हैं लेकिन मजदूरों के हित के लिए कोई शर्त नहीं हैं | रेंज , ईकाई  , फड़ और मानक बोरा तय किया गया हैं! चकिया ,वनगांवा और नौगढ़ में तेंदू पत्ता की तोड़ाई जल्दी ही शुरू हो जाएगी | 

उन्होंने कहा कि  दर्जनों ईकाई पर फड़ निर्धारित हो गया हैं ! फड़ मुंशी रखने का अधिकार ठेकेदार को हैं एक गड्डी में पचास बिड़ी बने उतना पत्ता रहना चाहिए यह पहले नियम था


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