यूपी के दो सांसदों ने रचा इतिहास: पुष्पेंद्र और प्रिया सरोज बने सबसे कम उम्र के सांसद, जानिए क्या है इनका राजनीतिक इतिहास

यूपी के दो सांसदों ने रचा इतिहास: पुष्पेंद्र और प्रिया सरोज बने सबसे कम उम्र के सांसद, जानिए क्या है इनका राजनीतिक इतिहास

लोकसभा चुनाव में कौशांबी संसदीय सीट से जीत हासिल करने वाले समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार पुष्पेंद्र सरोज देश के इतिहास में सबसे कम उम्र के सांसद बन गए हैं |


पूर्वांचल न्यूज़ न्यूज़ प्रिंट / लखनऊ | लोकसभा चुनाव में देश के सबसे युवा सांसद होने का रिकॉर्ड भी टूट गया. कौशांबी संसदीय सीट से जीत हासिल करने वाले समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार पुष्पेंद्र सरोज देश के इतिहास में सबसे कम उम्र के सांसद बन गए हैं। इस साल मार्च में पुष्पेंद्र सरोज 25 साल के हो गए... तो नतीजे वाले दिन 4 जून 2024 को पुष्पेंद्र सरोज की उम्र 25 साल 3 महीने और 3 दिन हो गई।

आपको बता दें कि इससे पहले चंद्राणी मुर्मू ओडिशा की क्योंझर लोकसभा सीट से सबसे कम उम्र की सांसद थीं. यह  25 साल 11 महीने की उम्र में  ही सांसद चुन ली गईं. अब 2024 के लोकसभा चुनाव में उनका रिकॉर्ड न सिर्फ पुष्पेंद्र सरोज ने तोड़ा है, बल्कि मछलीशहर संसदीय सीट से जीत हासिल करने वाली सपा प्रत्याशी प्रिया सरोज ने भी तोड़ दिया है. दरअसल प्रिया सरोज की उम्र 25 साल 07 महीने है. ऐसे में देश की सबसे युवा सांसद का खिताब अब प्रिया सरोज के नाम हो गया है.

देश के सबसे युवा सांसद बनने वाले पुष्पेंद्र सरोज इंद्रजीत सरोज के बेटे हैं, जो 1997 से लगातार चार बार मंझनपुर से आरक्षित सीट से विधायक रहे हैं। पुष्पेंद्र ने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई देहरादून में की। इसके बाद उन्होंने क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी लंदन से स्नातक की उपाधि प्राप्त की।

लंदन से लौटने के बाद पुष्पेंद्र को अपने पिता इंद्रजीत सिंह की राजनीति में देखा जाने लगा. ऐसे में उनकी सक्रियता को देखते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने उन्हें कौशांबी संसदीय सीट से टिकट दिया और नतीजा यह हुआ कि पुष्पेंद्र सरोज ने कौशांबी संसदीय सीट से दो बार निर्वाचित हुए बीजेपी सांसद विनोद सोनकर को एक लाख तीन हजार 944 वोटवोट से हराकर यह सीट जीत ली |.इसके अलावा, अपनी कम उम्र के कारण, वह सबसे कम उम्र केसांसद भी बने।

देश की दूसरी सबसे युवा सांसद प्रिया सरोज मछलीशहर लोकसभा सीट से पूर्व सांसद और वर्तमान विधायक तूफानी सरोज की बेटी हैं। उन्होंने नोएडा से एलएलबी की डिग्री हासिल की और सुप्रीम कोर्ट में वकील के रूप में प्रैक्टिस कर रही हैं। आपको बता दें कि वाराणसी के पिंडरा तहसील के करखियांव गांव की मूल निवासी प्रिया सरोज 18 साल की होते ही समाजवादी पार्टी की सदस्य बन गईं. वह पार्टी के विभिन्न कार्यक्रमों में भी सक्रिय रूप से भाग लेने लगीं।

वहीं प्रिया सरोज, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और पार्टी के कई कार्यक्रमों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर देखने को मिलीं. ऐसे में राजनीति में उनके प्रदर्शन को देखते हुए अखिलेश यादव ने उन्हें मछलीशहर लोकसभा सीट से टिकट दिया और प्रिया सरोज ने बीजेपी के बीपी सरोज को 35 हजार 850 वोटों से हराकर यह सीट सपा के खेमे में डाल दी. उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में तूफानी सरोज की हार का बदला भी ले लिया. ऐसे में बेटी प्रिया सरोज ने सांसद बनकर पिता की विरासत संभाली.


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