जनता का प्यार मिला तो चहनियां ब्लॉक का प्रमुख बन गया । मैं जनसेवा करने आया हूं, जनता ने मेरे कर्म, वाणी, व्यवहार से मुझे अपना वोट सपोर्ट दिया, जिसका मैं शुक्रगुजार हूँ।
जनता का प्यार और सम्मान ही मेरे जीवन की असली कमाई
चहनियां के बीडीसी खुद लड़ रहे हैं अपने अस्तित्व की लड़ाई
पूर्वांचल न्यूज प्रिंट / चंदौली। चहनियां ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी को लेकर चल रही नूराकुश्ती इस समय पूरे चंदौली जनपद में चर्चा का विषय बनी हुई। कुछ लोग एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप भी कर रहे हैं। इन्ही सब बातों को लेकर शनिवार को ' पूर्वांचल न्यूज प्रिंट ' ने पूर्व प्रमुख पति चहनियां उपेंद्र सिंह गुड्डू से बातचीत की।
प्रस्तुत है उनसे बातचीत के प्रमुख अंश -
प्रश्न - राजनीति में कैसे आना हुआ?
गुड्डू सिंह- हमारी तीन पुश्तों में कोई राजनीति में नहीं था। जनता का प्यार मिला तो चहनियां ब्लॉक का प्रमुख बन गया । मैं जनसेवा करने आया हूं, जनता ने मेरे कर्म, वाणी, व्यवहार से मुझे अपना वोट सपोर्ट दिया, जिसका मैं शुक्रगुजार हूँ।
प्रश्न- ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी को लेकर चहनियां में कैसी उथल-पुथल मची हुई है।?
गुड्डू सिंह- यह क्षेत्र पंचायत सदस्यों की नाराजगी का परिणाम है। जो वर्तमान प्रमुख की कार्यशैली से त्रस्त होकर स्वतः ही अपने स्वाभिमान की लड़ाई लड़ रहे हैं। यहीं कारण है कि 04 जुलाई को को आयोजित बैठक में मात्र 10 बीडीसी ही उनके साथ खड़े थे।
प्रश्न- कहा जा रहा है कि आपने क्षेत्र पंचायत सदस्यों को बैठक में जाने से रोका था।?
गुड्डू सिंह- मुझे तो खुद हाउस अरेस्ट कर लिया गया था , मैं दिनभर अपने ही घर में कैद था, मैं कैसे किसी को रोकता। बीडीसी निर्वाचित प्रतिनिधि हैं, ऊपर से ब्लॉक में पूरा प्रशासनिक अमला था, ऐसे में किसी को रोकने की बात करना बचकानी बात है।
प्रश्न - आपको अफ़ज़ाल अंसारी और प्रभुनारायण के इशारे पर काम करने वाला कहा जा रहा है, क्या कहेंगे ?
गुड्डू सिंह- जो लोग ऐसा कह रहे हैं, उसे वे साबित कर देंगे तो राजनीति छोड़ दूंगा। यह ताल ठोक कर कह रहा हूं।
प्रश्न- पुलिस ने आपके ऊपर मुकदमा दर्ज किया है और आपको अपराधी भी कहा जा रहा है?
गुड्डू सिंह- पहले तो यह जान लें कि पुलिस ने मेरे ऊपर मुकदमा दर्ज नहीं किया, बल्कि मुकदमा एक व्यक्ति विशेष द्वारा अपने आदमीयों से दर्ज करवाया गया, जो फर्जी और बेबुनियाद है। मेरे ऊपर मुकदमा दर्ज कराने वाला और उसमें गवाह, सब एक व्यक्ति विशेष के आदमी हैं।
इससे आप समझ सकते हैं कि मुझे अपराधी बनाने की कोशिश की जा रही है। मेरे बीडीसी की सही तहरीर पर दबाव में एनसीआर दर्ज की गई, जबकि फर्जी तहरीर पर मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज हुआ, यह कहां का न्याय है।
उन्होंने आगे बताया कि हमाम में सब नंगे हैं। कोई दूध का धुला नहीं है। जिसके घर कांच के बने हो, उसे दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं फेकने चाहिए। मेरे खिलाफ पूर्व में कुछ मुकदमे थे, जिससे माननीय न्यायालय ने मुझे बाईज्जत बरी कर दिया है।
प्रश्न- आगे की क्या रणनीति है?
गुड्डू सिंह- मैं कोई रणनीति नहीं बनाता। जैसी परिस्थिति होती है, वैसा निर्णय लेता हूं। मैं जमीन से जुड़ा आदमी हूँ। राजनीति मेरा पेशा नहीं शौक है। मेरी तीन पीढ़ी में कोई राजनीति में नहीं था। जनता का प्यार और सम्मान मिला तो उनकी सेवा करने लगा। जनता ही मेरी मालिक है और आजीवन जनता की सेवा करता रहूंगा।