पूर्वांचल की बात : क्या मायने है भाजपा द्वारा बनाया गया पूर्वांचल विकास बोर्ड का... ?

पूर्वांचल की बात : क्या मायने है भाजपा द्वारा बनाया गया पूर्वांचल विकास बोर्ड का... ?

पूर्वांचल विकास बोर्ड का गठन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 10 जून, 2018 को किया गया था। इसका उद्देश्य पूर्वांचल क्षेत्र के समग्र विकास को गति देना और क्षेत्रीय असमानताओं को कम करना है, मगर ऐसा नहीं होगा सका !

Preeti Pandey पूर्वांचल राज्य संगठन की सदस्य हैं और Advocate, High Court,Allahabad हैं

 उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पूर्वांचल विकास बोर्ड का गठन 10 जून, 2018 हुआ था। इसका उद्देश्य पूर्वांचल क्षेत्र के समग्र विकास को गति देना और क्षेत्रीय असमानताओं को कम करना है। यह बोर्ड पूर्वांचल के सभी 28 जिलों को कवर करने का दवा करता है, जिसमें वाराणसी, गोरखपुर, आजमगढ़, मिर्जापुर, और अन्य शामिल हैं।

पूर्वांचल विकास बोर्ड (Purvanchal Development Board) का गठन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा क्षेत्रीय विकास को गति देने और सामाजिक-आर्थिक असमानताओं को कम करने के उद्देश्य से किया गया है। यह बोर्ड उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र के विकास के लिए कार्य करने का दम भरता है, इनमें वाराणसी, गोरखपुर, आजमगढ़, मिर्जापुर, और अन्य जिले शामिल हैं। इस रिपोर्ट में, हम पूर्वांचल विकास बोर्ड के गठन, संचालन, उद्देश्यों, और इसके मुख्यालय के बारे में विस्तृत बात करेंगे।

सच में गठन और उद्देश्य क्या था इसका 
पूर्वांचल विकास बोर्ड का गठन राज्य सरकार द्वारा क्षेत्रीय विकास को प्रोत्साहित करने के लिए किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य पूर्वांचल क्षेत्र में विकास योजनाओं को क्रियान्वित करना, विकास की गति को तेज करना और क्षेत्र की आर्थिक, सामाजिक, और शैक्षणिक स्थिति में सुधार करना है।

बोर्ड के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

आर्थिक विकास: पूर्वांचल के विभिन्न जिलों में औद्योगिक और कृषि विकास को बढ़ावा देना।
सामाजिक विकास: शिक्षा, स्वास्थ्य, और सामाजिक सेवाओं के क्षेत्र में सुधार करना।
अवसंरचना विकास: सड़कों, बिजली, पानी, और संचार जैसी बुनियादी सुविधाओं का विकास।
मानव संसाधन विकास: युवाओं के लिए प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर बढ़ाना।

यह है संचालन व्यवस्था 

पूर्वांचल विकास बोर्ड का संचालन एक संरचित और व्यवस्थित तरीके से किया जाता है। बोर्ड के संचालन की संरचना निम्नलिखित है:

अध्यक्ष: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
उपाध्यक्ष: विभिन्न विभागों के सचिव
सदस्य:
प्रमुख सचिव, योजना विभाग
प्रमुख सचिव, आवास एवं शहरी नियोजन विभाग
प्रमुख सचिव, कृषि विभाग
प्रमुख सचिव, ग्रामीण विकास विभाग
प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग
प्रमुख सचिव, जल संसाधन विभाग

विस्तृत यह है 

 अध्यक्ष: बोर्ड का नेतृत्व एक अध्यक्ष करते हैं, जो सरकार द्वारा नियुक्त किए जाते हैं।
कार्यकारी समिति: यह समिति बोर्ड के निर्णयों को लागू करने और योजनाओं के क्रियान्वयन की देखरेख करती है। इसमें विभिन्न सरकारी विभागों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं।
तकनीकी सलाहकार समूह: यह समूह विकास परियोजनाओं की तकनीकी समीक्षा और मूल्यांकन करता है।
वित्तीय प्रबंधन: बोर्ड का वित्तीय प्रबंधन राज्य सरकार द्वारा आवंटित बजट और अन्य स्रोतों से प्राप्त धनराशि के माध्यम से किया जाता है।

पूर्वांचल की बात : क्या मायने है भाजपा द्वारा बनाया गया पूर्वांचल विकास बोर्ड का... ?

 मुख्यालय तक नहीं जानते पूर्वांचली 

पूर्वांचल विकास बोर्ड का मुख्यालय वाराणसी में स्थित है। यह मुख्यालय बोर्ड के संचालन और प्रशासनिक कार्यों का केंद्र है। यहाँ से बोर्ड की सभी योजनाओं और परियोजनाओं की निगरानी की जाती है।

प्रमुख परियोजनाएँ और उपलब्धियाँ पर थोड़ी चर्चा 

पूर्वांचल विकास बोर्ड ने कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं और योजनाओं को लागू किया है, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं |  मगर यह पूर्वांचल के नाम तक सिमट गया | पूर्वांचल की अंदरूनी विकास सिर्फ पृथक राज्य से ही संभव है |  

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे: यह परियोजना क्षेत्र के आर्थिक विकास को गति देने के लिए शुरू की गई थी। इससे क्षेत्र में व्यापार और परिवहन में सुधार हुआ है।

स्मार्ट सिटी परियोजना: वाराणसी और गोरखपुर को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे शहरी अवसंरचना में सुधार हो रहा है।

कृषि विकास योजनाएँ: किसानों की आय बढ़ाने के लिए उन्नत कृषि तकनीकों का प्रोत्साहन दिया जा रहा है।

चुनौतियाँ और समाधान बरकरार 

हालांकि पूर्वांचल विकास बोर्ड ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, फिर भी कई चुनौतिअभी भी बरकरार हैं | 

वित्तीय संसाधन: परियोजनाओं के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधनों की कमी।
निगरानी और क्रियान्वयन: योजनाओं की निगरानी और समय पर क्रियान्वयन में कठिनाइयाँ।
सामाजिक असमानता: क्षेत्र में व्याप्त सामाजिक असमानता और गरीबी को दूर करना एक बड़ी चुनौती है।

इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए, बोर्ड ने निम्नलिखित कदम उठाए हैं:

वित्तीय प्रबंधन में सुधार: अधिक वित्तीय संसाधनों को जुटाने और मौजूदा संसाधनों का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करने के लिए नई रणनीतियों का विकास।
प्रौद्योगिकी का उपयोग: योजनाओं की निगरानी और क्रियान्वयन में प्रौद्योगिकी का अधिकतम उपयोग।
सामाजिक पहल: सामाजिक असमानता को दूर करने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, और कौशल विकास पर विशेष ध्यान।

निष्कर्ष ढांक के तीन पात 

पूर्वांचल विकास बोर्ड का गठन उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र के समग्र विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया गया है। यह बोर्ड क्षेत्रीय विकास को गति देने, सामाजिक-आर्थिक असमानताओं को कम करने, और क्षेत्र की समग्र स्थिति में सुधार करने के लिए समर्पित है। भविष्य में, बोर्ड की योजनाएँ और परियोजनाएँ पूर्वांचल को एक समृद्ध और विकसित क्षेत्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। जबकि अभी तक ऐसा नहीं हुआ , इसका भी यही हश्र हुआ , जैसा मुलायम सिंह के बनाये गए पूर्वांचल विकास बोर्ड जैसा !

इस रिपोर्ट के माध्यम से, हमने पूर्वांचल विकास बोर्ड के गठन, उद्देश्यों, संचालन, और मुख्यालय के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की है। उम्मीद है कि यह जानकारी पूर्वांचल के विकास के प्रति आपकी समझ को और व्यापक बनाएगी और आप सब पूर्वांचल की बदहाली को लेकर गंभीर होंगे और हमारी लड़ाई     " पूर्वांचल के निर्माण से लेकर .... पूर्वान्चल के विकास तक '  तेजी से आगे बढ़ेगी | 

लेखिका : Preeti Pandey पूर्वांचल राज्य संगठन की सदस्य हैं और Advocate, High Court,Allahabad हैं |  

 पता:- 17A/9D/13, Lane no. 12, Ganganagar, Rajapur, Prayagraj (ALLAHABAD).

 Actress/Model , at INDIAN MODELS Modeling agency, New Delhi, INDIA.

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