मारूफपुर सहित पूरे जिले में बिना पंजीकरण के संचालित हो रहे हैं कोचिंग संस्थान, प्रशासन मौन

मारूफपुर सहित पूरे जिले में बिना पंजीकरण के संचालित हो रहे हैं कोचिंग संस्थान, प्रशासन मौन

दिल्ली के एक कोचिंग संस्थान में दम घुटने से हुई कई प्रतियोगी छात्रों की मौत के बाद भी चंदौली जनपद का जिला प्रशासन अभी चेता नहीं है। जिले में हजारों हाई स्कूल इंटर के हजारों कोचिंग संस्थान हर बाज़ार चट्टी चौराहों पर मानक को पूरा किये बिना ही धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं। 

मारूफपुर सहित पूरे जिले में बिना पंजीकरण के संचालित हो रहे हैं कोचिंग संस्थान, प्रशासन मौन
File Photo 

दिल्ली के कोचिंग संस्थान में हुई घटना से भी नहीं चेता जिला प्रशासन

जिले में मात्र 30 कोचिंग संस्थान ही हैं पंजीकृत, सैकड़ों बिना कागजात के संचालित 

पूर्वांचल न्यूज़ प्रिंट  /राकेश यादव रौशन

मारूफपुर / चंदौली । दिल्ली के एक कोचिंग संस्थान में दम घुटने से हुई कई प्रतियोगी छात्रों की मौत के बाद भी चंदौली जनपद का जिला प्रशासन अभी चेता नहीं है। जिले में हजारों हाई स्कूल इंटर के हजारों कोचिंग संस्थान हर बाज़ार चट्टी चौराहों पर मानक को पूरा किये बिना ही धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं। आलम यह है कि मारूफपुर बाज़ार और उसके आसपास आधे दर्जन से अधिक बिना पंजीकरण और मानक के कोचिंग संस्थान संचालित हो रहे हैं, जो छात्रों और अभिभावकों को जबरदस्त आर्थिक चूना लगा रहे हैं।

   इस संबंध में जिला विद्यालय निरीक्षक दलसिंगार यादव से बात करने पर उन्होंने बताया कि हमारे यहां जिले के मात्र 30 कोचिंग संस्थान ही पंजीकृत हैं, शेष अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं। उन्होंने आगे बताया कि 200 छात्रों की कोचिंग के लिए बीस हज़ार रुपये का पंजीकरण शुल्क देय होता है। यह शुल्क छात्र संख्या के आधार पर घट बढ़ सकता है।

यह है कोचिंग पंजीकरण के मानक

1. कोचिंग के छात्र उच्च शिक्षा में अध्ययनरत होने चाहिए।2.  छात्रों की संख्या के आधार पर कमरों में बैठने की उचित व्यवस्था होनी चाहिए।
3. कोचिंग के शिक्षक प्रशिक्षित और विषय विशेषज्ञ होने चाहिए।
4. कोचिंग में अग्निशमन और प्राथमिक उपचार की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए।
5. कोचिंग में पढ़ने वाले छात्र 14 वर्ष की आयु से कम नहीं होने चाहिए।
6. कोचिंग संस्थान भूमिगत या तंग गलियों में संचालित न हो।

इन सब मानकों को धता बताकर मारूफपुर बाज़ार सहित पूरे जिले में बिना पंजीकरण केअवैध कोचिंग संस्थान बेख़ौफ़ संचालित हो रहे हैं। इन कोचिंग संस्थानों में न तो प्रशिक्षित शिक्षक हैं और न ही प्राथमिक उपचार की कोई व्यवस्था है। इन कोचिंग संस्थानों में दिल्ली की तरह कोई बड़ी घटना घटित हो जाय तो, इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा।

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