Navratri 2024: घट-स्थापना या कलश स्थापना को नवरात्रि की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है. अनुष्ठान 3 अक्टूबर 2024 को है। आइए, जानें घट स्थापना का शुभ समय क्या है और अखंड ज्योति से जुड़े 5 महत्वपूर्ण नियम क्या हैं ?
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नवरात्रि: जानिए घट स्थापना मुहूर्त और माता की अखंड ज्योत से जुड़े ये 5 नियम |
Navratri 2024: देवी मां दुर्गा और उनके 9 दिव्य स्वरूपों की पूजा का महापर्व नवरात्रि, गुरुवार, 3 अक्टूबर 2024 से शुरू हो जायेगा । प्रचलित परंपरा के मुताबिक, दुर्गा पूजा की शुरुआत घट-स्थापना या कलश स्थापना से होती है। इसलिए घट-स्थापना को इस 10 दिवसीय उत्सव की शुरुआत का प्रतीक माना गया है। इस अवसर पर घट स्थापना के साथ-साथ माता रानी के लिए अखंड ज्योति भी जलाई जाती है।
आइए जानते हैं इस साल घट स्थापना का शुभ समय कब है और अखंड ज्योति से जुड़े ये 5 नियम क्या होते हैं ?
घट स्थापना मुहूर्त 2024
शारदीय नवरात्रि की पूजा आश्विन मास की प्रतिपदा तिथि पर घट-स्थापना के साथ शुरू होती है। पंचांग के अनुसार वर्ष 2024 में घट-स्थापना के लिए सबसे अच्छा समय गुरुवार, 3 अक्टूबर 2024 को सुबह 6:30 से 7:31 बजे के बीच है। यदि किसी कारणवश भक्त 1 घंटा 2 मिनट की यह अवधि चूक जाए तो अभिजीत मुहूर्त में 12:03 से 12:51 के बीच भी घट स्थापना की जा सकती है।
अखंड ज्योति के 5 नियम
नवरात्रि के दौरान अखंड ज्योति जलाने का विशेष महत्व है। यह एक परंपरा है जो सदियों से चली आ रही है। ऐसा माना जाता है कि यह भक्तों को उनके भीतर धार्मिक और आध्यात्मिक शक्ति को जागृत करने में मदद करता है। शारदीय नवरात्रि के दौरान भी त्योहार के पहले दिन से घर में अखंड ज्योति स्थापित की जाती है और इस दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन किया जाता है। आइए जानते हैं अखंड ज्योति से जुड़े 5 महत्वपूर्ण नियम क्या हैं?
नवदुर्गा की पूजा से प्राप्त लाभ एवं सिद्धियाँ
1- धार्मिक ग्रंथों के अनुसार अखंड ज्योति को हमेशा घर के पूजा स्थल या मंदिर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में स्थापित करना चाहिए।
2-नवरात्रि में देवी मां दुर्गा और उनके 9 स्वरूपों की पूजा के अलावा अखंड ज्योति की भी पूजा करनी चाहिए, क्योंकि हिंदू धर्म में अखंड ज्योति को देवी मां का प्रतीक माना जाता है।
3- ऐसा माना जाता है कि जिस घर में अखंड ज्योति स्थापित हो उसे अकेला नहीं छोड़ना चाहिए।
4- अखंड ज्योति की पवित्रता बनाए रखने के लिए भूलकर भी घर में तामसिक भोजन नहीं बनाना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग नवरात्रि का व्रत रखते हैं उन्हें तामसिक भोजन की गंध और दृष्टि से दूर रहना चाहिए।
5- अखंड ज्योति की स्थापना करने वालों को बहुत सतर्क रहना चाहिए। उन्हें लौ की जांच करनी चाहिए ताकि तेल और बाती की कोई समस्या न हो, हवा से सुरक्षा हो, आदि।
आपको बता दें, अखंड ज्योति को अंधकार पर प्रकाश की जीत और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। इसे सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत माना जाता है, जो वातावरण से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।
अस्वीकरण: यहां दी गई जानकारी धार्मिक ग्रंथों की मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए प्रदान की गई है। Purvanchal News Print पोर्टल इसकी पुष्टि नहीं करता है।