क्षेत्र संयोजक विजेंद्र सिंह ने कहा कि यह कार्यक्रम काशी प्रांत के 12 जनपदों एवं तहसीलों और साथी उच्च न्यायालय इकाई के अधिवक्ताओं की कार्य कार्यशाला आयोजित की गयी |
विश्व हिंदू परिषद विधि प्रकोष्ठ की काशी प्रांत एवं उच्च न्यायालय इलाहाबाद इकाई की एक दिवसीय संयुक्त कार्यशाला सम्पन्न
प्रयागराज / पूर्वांचल न्यूज़ प्रिंट : विश्व हिंदू परिषद विधि प्रकोष्ठ की काशी प्रांत एवं उच्च न्यायालय इलाहाबाद इकाई की एक संयुक्त कार्यशाला लाइब्रेरी हाल हाई कोर्ट बार एसोसिएशन इलाहाबाद के हाल में प्रातः 10:30 बजे 20 हिंदू परिषद विधि प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र संयोजक विजेंद्र सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर एवं राम दरबार के चित्र माल्यापर्ण के साथ शुभारंभ किया |
कार्यशाला के प्रथम सत्र में अपने स्वागत भाषण एवं प्रस्तावना में बोलते हुए क्षेत्र संयोजक विजेंद्र सिंह ने कहा कि यह कार्यक्रम काशी प्रांत के 12 जनपदों एवं तहसीलों और साथी उच्च न्यायालय इकाई के अधिवक्ताओं की कार्य कार्यशाला आयोजित की गयी |
जिसमें प्रथम सत्र में बोर्ड द्वितीय सत्र में धर्मांतरण एवं तृतीय सत्र में समान नागरिक संहिता जैसे विषयों पर विद्युत अधिवक्ताओं एवं माननीय न्यायमूर्तियों के द्वारा परिचर्चा की जाएगी|
उत्तर प्रदेश सरकार के माननीय उच्च न्यायालय में शासकीय अधिवक्ता एकेसंड द्वितीय सत्र में वरिष्ठ अधिवक्ता एवं पूर्व अध्यक्ष हाई कोर्ट बार एसोसिएशन बीपी श्रीवास्तव ने धर्मांतरण पर बोलते हुए कहा कि डराकर धमकाकर या लालच देकर किया गया धर्म परिवर्तन संविधान के सिद्धांतों के विपरीत है इसे हर कीमत पर रोका जाना चाहिए|
इसी क्रम में इस बात को आगे बढ़ते हुए क्षेत्र संयोजक विजेंद्र सिंह ने कहा कि धर्मांतरण एक जिहादी प्रक्रिया है जो इस्लामी चरमपंथियों के द्वारा एक लव जिहाद के रूप में भूमि जिहाद के रूप में व्यवसाय जिहाद के रूप में अन्य कई रूपों में इसका भयंकर व विकृत स्वरूप समाज के समझ उजागर हो रहा है जिस हिंदू समाज संविधान के दायरे में रहते हुए प्रतिकार करेगा और जरूरत पड़ेगी तो स्वस्थ उठाने में भी गुरेज नहीं करेगा |
कार्यशाला के चतुर्थ सत्र में माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद के न्यायमूर्ति डॉक्टर शेखर यादव ने समान नागरिक संहिता पर बोलते हुए कहा की संविधान के शिल्पिकर डॉ. भीमराव अंबेडकर का भी स्पष्ट मत था कि एक देश के लिए एक ही संविधान होना चाहिए एक देश में विभिन्न समुदायों धर्म के लोगों के लिए विभिन्न संविधान होना राष्ट्र के लिए किसी खतरे से कम नहीं है, जब हम मानव उत्थान की बात करते हैं तो उनके उत्थान धर्म से ऊपर उठकर सिर्फ संविधान के दायरे में होना चाहिए यदि एक स्त्री के हितों की रक्षा होनी है | चाहे उसके स्त्री धन की बात हो चाहे उसके भरण पोषण की बात हो या उसके संपत में हक हिस्से की बात हो या उसके पुनर्विवाह की बात हो या उसके साथी चयन की स्वतंत्रता की बात हो इन सभी बातों की सीमा एक ही संविधान के दायरे से तय होनी चाहिए।
हमारा संविधान इस बात की इजाजत नहीं देता है कि मुस्लिम महिला के हित का अलग निर्धारण हो या अन्य धर्म की महिलाओं की हितों का निर्धारण अलग विधि से हो हमारी सर्वोच्च न्यायालय भी इस बातें स्पष्ट मत रखती है कि जहां महिला ही तो या मानव हितों की बात हो वहां धर्म से ऊपर उठकर हम सिर्फ संविधान के दायरे में रहकर उसके हितों को संरक्षित करेंगे
इस कार्यक्रम में काशी प्रांत के जनपद वाराणसी चंदौली मिर्जापुर सोनभद्र जौनपुर भदोही इलाहाबाद कौशांबी प्रतापगढ़ एवं सुल्तानपुर सहित उच्च न्यायालय इलाहाबाद के भी तमाम अधिकतम ने प्रतिभाग किया। काशी प्रांत संयोजक अरविंद मिश्रा, कानपुर प्रांत के पलक जे एस तोमर एवं कार्यक्रम के संयोजक बृजेश प्रताप सिंह, सहसंयोजक काशी प्रांत, सहसंयोजक ओ पी सिंह, उच्च न्यायालय की सहसंयोजीका कविता तोमर जी ,सह संयोजक अखिलेश शुक्ला के साथ ही कार्यक्रम का सफल संचालन कर रहे उच्च न्यायालय इकाई की संयोजक अरविंद कुमार भारद्वाज प्रमुख रहे।
कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करने वाले विनय पांडे, आशीष पाल, कुमारी रोशनी, शिव गोपाल सिंह, वीरेंद्र सिंह राजभर, विशाल भारद्वाज, जितेंद्र पाल सिंह जादौन ,अमरेश तिवारी ,रामबली वर्मा, वर्तिका सिंह एवं रेनू सिंह आदि मौजूद रहे ।