बढ़वलडीह खास गांव के पूर्व प्रधान के 36 वर्षीय पुत्र बीरेन्द्र यादव की रविवार की देर रात सकलडीहा रेलवे स्टेशन के समीप रेलवे लाइन पार करते समय जनशताब्दी ट्रेन की चपेट में आने से दर्दनाक मौत हो गयी।
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पूर्व प्रधान के 36 वर्षीय पुत्र बीरेन्द्र यादव |
0 सकलडीहा रेलवे स्टेशन के समीप रेलवे लाइन पार करते समय ट्रेन की चपेट में आने से दर्दनाक मौत
0बढ़वलडीह खास गांव के पूर्व प्रधान का था बेटा,परिजनों ने किया युवक का दाह संस्कार
चंदौली , पूर्वांचल न्यूज़ प्रिंट , ब्यूरो चीफ दिवाकर राय : बढ़वलडीह खास गांव के पूर्व प्रधान के 36 वर्षीय पुत्र बीरेन्द्र यादव की रविवार की देर रात सकलडीहा रेलवे स्टेशन के समीप रेलवे लाइन पार करते समय जनशताब्दी ट्रेन की चपेट में आने से दर्दनाक मौत होगयी।
सूचना पर पहुंची जीआरपी पुलिस ने शव का पीएम कराने की बात कही। मगर परिजनों ने पीएम कराने से इंकार कर दिया। शव का देर रात को अंतिम दाह संस्कार कर दिया। घटना के बाद परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। इस मौके पर परिजनों का रोते रोते बुरा हाल था।
बढ़वलडीह गांव के पूर्व प्रधान खरपत्तू यादव के चार पुत्र दीना यादव,जितेन्द्र यादव,योगेन्द्र उर्फ जोगी यादव और बीरेन्द्र यादव और दो पुत्री प्रतिमा व किरन है। बीरेन्द्र यादव की गांव से दो किलोमीटर दूर चतुर्भुजपुर कस्बा में बाइक सर्विस सेंटर की दुकान थी।
रविवार को देर रात सवा नौ बजे करीब दुकान बंद करने घर जा रहे थे। रेलवे लाइन बंद था। रेलवे लाइन पार करते समय डाउन में आ रही जनशताब्दी टे्रन की चपेट में आने से दर्दनाक मौत होगयी। घटना की जानकारी होने पर आनन फानन में परिजन व जीआरपी पुलिस घटना स्थल पर पहुंची।
परिजनों ने पीएम कराने से इंकार कर दिया। देर रात को शव को बलुआ घाट पर अंतिम दाह संस्कार कर दिया। घटना के बाद पत्नी रूबी पुत्री जूही पुत्र किशन व पवन सहित परिजनों का रोते रोते बुरा हाल था।
सुबह पूर्व सांसद रामकिशुन यादव, विधायक प्रभुनारायण सिंह यादव, सपा जिलाध्यक्ष सत्यनारायण राजभर ब्लॉक प्रमुख अवधेश सिंह,भाजपा नेता टंपी सिंह,तरूण पांडेय, सहित सैकड़ों की संख्या में शुभ चिंतिकों की भीड़ जुट गयी।
काश ! दो मिनट रूक गये होते तो बच जाती जानपूर्व प्रधान का पुत्र बीरेन्द्र यादव बचपन से ही मिलनसार व्यक्ति था। चतुर्भुजपुर कस्बा में सर्विस सेंटर दुकान चलाते थे। व्यापारी से लेकर हर लोगों के सुख दुख में खड़ा रहते थे। सुबह मौत की सूचना मिलने पर चतुर्भुजपुर कस्बा की सैकड़ों दुकानें छोटी बड़ी पूरे दिन बंद रहा। लोग कह रहे थे। हर दिन घर चार पहिया और दो पहिया से घर जाते थे। रेलवे लाइन बंद होने पर भी गाड़ी से नही उतरते थे।
घटना के दिन भी बाइक से आ रहे थे। रेलवे क्रासिंग बंद होने पर अपने मित्र को सामान लेने के लिये भेज दिया। ग्रामीणों का कहना था कि केबिन मास्टर रेलवे लाइन पार करते समय टार्च से इशारा भी किया। मगर ध्यान नहीं देने के कारण टे्रन की चपेट में आगये। लोग कह रहे थे कि काश दो मिनट रूक गये होते तो जान बच जाता।