यूपी बोर्ड: परीक्षा में नकल करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई, 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना

यूपी बोर्ड: परीक्षा में नकल करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई, 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना

उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम, 2024 उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज (यूपी बोर्ड) की वर्ष 2025 से माध्यमिक एवं इंटरमीडिएट परीक्षाओं में लागू होगा | 

यूपी बोर्ड: परीक्षा में नकल करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई, 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना

प्रयागराज / पूर्वांचल न्यूज़ प्रिंट :  उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम, 2024 उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज (यूपी बोर्ड) की वर्ष 2025 से माध्यमिक एवं इंटरमीडिएट परीक्षाओं में लागू होगा। इस अवधि के दौरान परीक्षा की शुचिता को प्रभावित करने, प्रश्नपत्र लीक करने, प्रश्नपत्र हल करने का प्रयास करने आदि के लिए सॉल्वर एवं सॉल्वर गिरोह को आजीवन कारावास एवं एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने से दंडित किया जाएगा। इसके लिए बड़े पैमाने पर तैयारियां शुरू हो गईं।

इस संबंध में यूपी परिषद सचिव भगवती सिंह की ओर से प्रयागराज, वाराणसी, मेरठ, बरेली और गोरखपुर के सभी क्षेत्रीय अपर सचिवों और प्रदेश के सभी डीआईओएस को शीघ्र ही निर्देश जारी किए जाएंगे। यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट और हायर सेकेंडरी परीक्षा को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से आयोजित करने की प्रधानमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप, यूपी बोर्ड वर्ष 2025 की यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट और हायर सेकेंडरी परीक्षा के लिए बड़े पैमाने पर तैयारी कर रहा है।

चूंकि यूपी बोर्ड परीक्षा एक अर्हकारी परीक्षा है, इसलिए इसमें अनुचित साधन निवारण अधिनियम, 2024 लागू किया जा रहा है। अब तक बोर्ड परीक्षाओं में 1998 का ​​अधिनियम लागू था। प्रश्न-पत्र या उसके किसी भाग की फोटोकॉपी बनाकर परीक्षा के निष्पक्ष संचालन में धोखाधड़ी करने का प्रयास करने पर अधिकतम एक वर्ष के कारावास या पांच हजार रुपये के जुर्माने या दोनों का प्रावधान था। नये कानून के अनुसार, कोई भी व्यक्ति या सॉल्वर समूह जो पहली बार परीक्षा को प्रभावित करेगा, उसे तीन से 14 वर्ष तक कारावास और 10 लाख रुपये से 25 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। यदि बचावकर्ता गिरोह द्वारा अपराध दोहराया जाता है तो सजा को बढ़ाकर आजीवन कारावास कर दिया जाएगा और जुर्माना 50 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये तक हो जाएगा।

इसके अलावा नकलविहीन परीक्षा कराने के लिए यूपी बोर्ड न केवल सीसीटीवी की निगरानी में परीक्षा कराएगा, बल्कि परीक्षा केंद्रों के स्ट्रांग रूम में कृत्रिम कैमरों की मदद से प्रश्नपत्रों की निगरानी करने की योजना पर भी काम कर रहा है।

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