कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए बुधवार को शाम पांच बजे तक 62.25 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
लखनऊ/पूर्वांचल न्यूज प्रिंट: कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अयोध्या के मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में बुधवार को शाम पांच बजे तक 62.25 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। मतदान शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुआ। मतदान प्रतिशत में वृद्धि होने की उम्मीद है क्योंकि कतारों में खड़े लोग अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं।
चुनाव आयोग के अनुसार, मिल्कीपुर (एससी) निर्वाचन क्षेत्र में मतदान शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ और कहीं से भी किसी प्रतिकूल घटना की सूचना नहीं मिली। मतदान निष्पक्ष एवं पारदर्शी तरीके से सम्पन्न हुआ। इस बीच, सपा ने मतदान में धोखाधड़ी का आरोप लगाया।
पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि अयोध्या पुलिस मिल्कीपुर में मतदाताओं के पहचान दस्तावेजों की जांच कर रही है, जिसमें वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं। यह मतदाताओं में भय पैदा करके मतदान को अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करने का लोकतांत्रिक अपराध है। उन्होंने चुनाव आयोग से इन लोगों को तुरंत हटाने और दंडात्मक कार्रवाई करने का आह्वान किया।
दूसरी ओर, पुलिस महानिरीक्षक प्रवीण कुमार ने बताया कि सभी मतदान केंद्रों पर मतदान शांतिपूर्ण रहा और कहीं से भी किसी प्रकार की अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली। संवेदनशील मतदान केन्द्रों पर अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई थी। 370,829 मतदाताओं वाले मिल्कीपुर निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव के लिए मतदान शुरू होते ही मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी कतारें देखी गईं।
बड़ी संख्या में उत्साही मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए पहुंचे। सपा के अवधेश प्रसाद के लोकसभा में निर्वाचित होने के बाद रिक्त हुई विधानसभा सीट के लिए हो रहे उपचुनाव में हालांकि दस उम्मीदवार मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा के चंद्रभानु पासवान और सपा सांसद अवधेश प्रसाद के पुत्र एवं पार्टी उम्मीदवार अजीत प्रसाद के बीच है।
अयोध्या से समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने अयोध्या के इनायत नगर स्थित अपने आवास पर हनुमान चालीसा का पाठ किया और अपने बेटे अजीत प्रसाद की जीत के लिए प्रार्थना की। विधानसभा के लिए 255 मतदान केन्द्र एवं 414 मतदान स्टेशन बनाए गए थे, जिसके लिए 71 मतदान केन्द्रों पर माइक्रो ऑब्जर्वर, नौ फ्लाइंग स्क्वायड टीम तथा नौ स्टेटिक मॉनिटरिंग टीमें तैनात थीं। वीडियो निगरानी के लिए छह टीमें गठित की गईं। मतदान के लिए दो सुपर जोनल मजिस्ट्रेट और चार जोनल मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए थे।