प्रदेश में हीट वेव (लू-प्रकोप) से बचाव के लिये मौसम विभाग की ओर से एडवाइजरी जारी की गयी है |
- आमजन लू- तापधात से बचाव के लिए बरतें विशेष सावधानी: अपर जिलाधिकारी
- आगामी दिनों में लू से बचाव हेतु जिला प्रशासन ने जारी किया अलर्ट
पूर्वांचल न्यूज़ प्रिंट /ब्यूरो चीफ दिवाकर राय चंदौली |
अपर जिलाधिकारी वि०रा० राजेश कुमार ने पत्र जारी कर बताया कि प्रदेश में हीट वेव (लू-प्रकोप) से बचाव के लिये निर्गत एडवाइजरी का कृपया सन्दर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें, पूर्व में निर्गत एडवाईजरी को दृष्टिगत इस वर्ष भी जनपद में लू-प्रकोप से बचाव एवं राहत कार्य के लियें (क्या करें / क्या न करें) के लिये कार्ययोजना प्रस्तावित है।
हीट वेव की स्थिति शरीर की कार्य प्रणाली पर प्रभाव डालती है. जिससे मृत्यु भी हो सकती है। इसके प्रभाव को कमकरने के लिए निम्न तथ्यों पर ध्यान देना चाहिए:-
हीट वेव (लू) के दौरान (क्या करें)
हल्के रंग के पसीना शोषित करने वाले हल्के वस्त्र पहनें, धूप के चश्में, छाता, टोपी, व चप्पल का प्रयोग करें, अगर आप खुले में कार्य करते है तो सिर, चेहरा, हाथ पैरों को गीले कपड़े से ढके रहें तथा छाते का प्रयोग करें, यात्रा करते समय पीने का पानी अपने साथ ले जाएं व ओ०आर०एस० घर में बने हुये पेय पदार्थ जैसे लस्सी, चावल का पानी (माङ), नीबू पानी, छाछ आदि का उपयोग करें, जिससे कि शरीर में पानी की कमी की भरपाई हो सके |
हीट स्ट्रोक, हीट रैश, हीट क्रैम्प के लक्षणों जैसे कमजोरी, चक्कर आना, सरदर्द, उबकाई, पसीना आना, मूर्छा आदि का अनुभव करते है तो तुरन्त चिकित्सीय सलाह लें, अपने घरों को ठण्डा रखें, पर्दे दरवाजे आदि का उपयोग करें तथा शाम/रात के समय घर तथा कमरों को ठण्डा करने हेतु इसे खोल दें।
कार्य स्थल पर ठण्डे पीने का पानी रखें / उपलब्ध करायें, कर्मियों को सीधी सूर्य की रोशनी से बचने हेतु सावधान करें, कार्य स्थल पर ठण्डे पीने का पानी रखें / उपलब्ध करायें, कर्मियों को सीधी सूर्य की रोशनी से बचने हेतु सावधान करें एवं श्रमसाध्य कार्यों को ठण्डे समय में करने/कराने का प्रयास करें।
हीट वेव (लू) के दौरान (क्या न करें)
बच्चों को खड़ी गाडियों में न छोड़े, दोपहर 12 से 3 बजे के मध्य सूर्य की रोशनी में जाने से बचें व अधिक श्रम वाली गतिविधी न करें, गहरे रंग के भारी तथा तंग कपड़े न पहने, जब बाहर का तापमान अधिक हो तब असाध्य कार्य न करें। आपात स्थिति से निपटने के लिऐ प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण लें। बच्चों व पालतू जानवरों को कभी भी बंद वाहन में न छोड़े। उच्च प्रोटिन मिर्च मसालों का सेवन न करें। बासी भोजन का सेवन न करें। शराब चाय व काफी का सेवन न करें।