जलियांवाला बाग के शहीदों को श्रद्धांजलि, पीढ़ियां उन्हें याद रखेंगी: PM Modi

जलियांवाला बाग के शहीदों को श्रद्धांजलि, पीढ़ियां उन्हें याद रखेंगी: PM Modi

PM नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों को जलियांवाला बाग की शहादत की याद दिलाई। उन्होंने निर्दोष लोगों के बलिदान को स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण मोड़ बताया।

जलियांवाला बाग के शहीदों को श्रद्धांजलि, पीढ़ियां उन्हें याद रखेंगी: PM Modi

पूर्वांचल न्यूज प्रिंट/ नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को Jallianwala Bagh Martyrdom की याद दिलाई। उन्होंने निर्दोष लोगों के बलिदान को स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण मोड़ बताया। बैसाखी के दिन प्रधानमंत्री मोदी ने दो पोस्ट किए.



पहले में उन्होंने हमें बैसाखी की शुभकामनाएं दीं और दूसरे में उन्होंने हमें भारतीय इतिहास के काले अध्याय की याद दिलाई। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा: हम जलियांवाला बाग के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। आने वाली पीढ़ियां आपके अदम्य साहस को सदैव याद रखेंगी। यह सचमुच हमारे देश के इतिहास का एक काला अध्याय था। उनका बलिदान भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण मोड़ बन गया।

जलियाँवाला बाग हत्याकांड ब्रिटिश शासन की अमानवीयता की पराकाष्ठा थी

प्रधानमंत्री मोदी से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी एक बयान में इस नरसंहार को भारत के स्वतंत्रता संग्राम का एक काला अध्याय बताया था। उन्होंने इसे ब्रिटिश शासन के तहत अमानवीयता की पराकाष्ठा बताया। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी जलियांवाला बाग हत्याकांड को याद करते हुए लिखा, हम जलियांवाला बाग के अमर शहीदों को सिर झुकाकर श्रद्धांजलि देते हैं।

 कृतज्ञ राष्ट्र उन निहत्थे स्वतंत्रता सेनानियों की देशभक्ति, उनके साहस, समर्पण, त्याग और निस्वार्थ बलिदान को कभी नहीं भूलेगा। स्वतंत्रता संग्राम में उनकी शहादत का अमिट योगदान अविस्मरणीय रहेगा।उस दिन जलियाँवाला बाग में दमनकारी ब्रिटिश कानून 'रॉलेट एक्ट' के खिलाफ एक शांतिपूर्ण सभा आयोजित की गई थी


बता दें कि 1919 में बैसाखी के दिन अमृतसर के जलियांवाला बाग में एक ब्रिटिश अफसर ने क्रूरता की सारी हदें पार करते हुए निहत्थे और निर्दोष लोगों पर गोली चलाने का आदेश दिया था। चूंकि उस दिन बैसाखी थी, इसलिए बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे मेले में भाग लेने आए थे। इस अमानवीय घटना में सैकड़ों लोगों की जान चली गई, जिनमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल थीं। उस दिन जलियाँवाला बाग में दमनकारी ब्रिटिश कानून ‘रॉलेट एक्ट’ के खिलाफ एक शांतिपूर्ण बैठक आयोजित की गई थी। अंग्रेजों ने शहर में कर्फ्यू की घोषणा कर दी, लेकिन फिर भी हजारों लोग जनसभा में भाग लेने पहुंचे।

सभा में इतनी बड़ी भीड़ देखकर अंग्रेज अधिकारी भड़क गए और भीड़ को नियंत्रित करने आए जनरल रेजिनाल्ड डायर ने 90 सैनिकों को गोली चलाने का आदेश दिया और बिना किसी चेतावनी के भीड़ पर गोलियां चला दी गईं।

बसे विश्वसनीय पूर्वांचल का हिंदी न्यूज़ वेबसाइट पूर्वांचल न्यूज़ प्रिंट | For more related stories,follow: News in Hindi -👉 Facebook Twitter  👉 Instagram 👉 Teligram.👉Google News. पोर्टल की सदस्यता ग्रहण करने के लिए Membership Plan देखें .