आजकल पैसों से जुड़ी चोरी के कई मामले सामने आते हैं, जब डकैती होती है तो हम पुलिस स्टेशन जाकर शिकायत करने के बारे में सोचते हैं।
इतनी बड़ी रकम की चोरी के बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की
बिजनेस न्यूज / पूर्वाचल न्यूज प्रिंट। तब क्या होगा जब पुलिस आरोप मानने से इनकार कर दे? भारतीय दंड संहिता की धारा 303(2) में एक सीमा निर्धारित की गई है। यदि राशि इस सीमा से कम है तो कोई शिकायत नहीं किया जाएगा।
पैसे की चोरी आम बात हो गई है। बसें, मेट्रो, कोई भी स्थान इन दिनों डकैती से सुरक्षित नहीं है। जब पैसा चोरी हो जाता है तो हम तुरंत शिकायत दर्ज कराने के बारे में सोचते हैं। लेकिन पैसे चोरी की शिकायत दर्ज होगी या नहीं। इसका निर्णय एक नियम द्वारा किया जाता है।
कानून के तहत चुराई जा सकने वाली धनराशि भारतीय दंड संहिता की धारा 303(2) में निर्धारित की गई है।
शिकायत दर्ज होने पर कितनी धनराशि चोरी मानी जाएगी ?
भारतीय दंड संहिता की धारा 303(2) के अनुसार, पुलिस में शिकायत तभी दर्ज की जा सकती है जब किसी व्यक्ति से 5,000 रुपये या उससे अधिक की चोरी हो जाए। यदि चोरी की गई राशि इससे कम है तो पुलिस स्टेशन में शिकायत खारिज की जा सकती है।
क्या करें 5000 रुपये से कम की चोरी होने पर ?
यदि किसी व्यक्ति की 5,000 रुपये से कम की राशि चोरी होती है तो वह इस्तगासा न्यायालय में जाकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। पुलिस केवल तभी कोई कार्रवाई करेगी जब उसे न्याय प्रणाली से तलाशी लेने का आदेश प्राप्त होगा।
डिजिटल चोरी से भी रहें सावधान
इस डिजिटल युग में, सब कुछ मोबाइल उपकरणों के माध्यम से किया जाता है। आज आप अपने मोबाइल फोन के जरिए 2 लाख रुपए तक का लेनदेन कर सकते हैं। इसके लिए आपको पैसे की जरूरत नहीं है. लेकिन यहां धोखाधड़ी का खतरा अधिक है।
इस स्थिति में आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि आप अपना यूपीआई पिन कोड किसी के साथ साझा न करें। घोटालेबाज आपके परिवार के सदस्य, कॉल सेंटर कर्मचारी या अन्य तरीकों से आपसे पैसे ऐंठने की कोशिश करते हैं। बस याद रखें कि पिन कोड किसी भी परिस्थिति में साझा नहीं किया जाना चाहिए।इस तरह डिजिटल धोखाधड़ी से बचें |