प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज भारत में महिलाएं देश की तकनीकी और आर्थिक प्रगति का मजबूत आधार बन रही हैं।
भोपाल / पूर्वांचल न्यूज़ प्रिंट : शनिवार को महिला सशक्तिकरण महा सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज भारत में महिलाएं देश की तकनीकी और आर्थिक प्रगति का मजबूत आधार बन रही हैं।
उन्होंने कहा कि देश ने पुराने बंधनों को पीछे छोड़कर महिलाओं को आधुनिकता से जोड़ने का मार्ग प्रशस्त किया है और महिलाएं अब नवाचार और नीति-निर्माण के केंद्र में हैं।
यह कार्यक्रम मालवा की महान शासिका देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था। पीएम मोदी ने कहा कि ड्रोन तकनीक के जरिए कृषि क्षेत्र में क्रांति आ रही है और भारतीय महिलाएं इसमें प्रमुख भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने "नमो ड्रोन दीदी अभियान" का जिक्र किया, जिसने ग्रामीण महिलाओं की आय और आत्मनिर्भरता दोनों को मजबूत किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विज्ञान, चिकित्सा, इंजीनियरिंग और विमानन जैसे क्षेत्रों में महिलाएं बड़ी संख्या में उभर रही हैं। चंद्रयान-3 मिशन का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इसमें 100 से अधिक महिला वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पीएम मोदी ने भारत के स्टार्टअप सेक्टर की सफलता का भी जिक्र किया और कहा कि देश में करीब 45 फीसदी स्टार्टअप डायरेक्टर महिलाएं हैं, जो उनकी नेतृत्व क्षमता और उद्यमशीलता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि जब महिलाएं आर्थिक रूप से स्वतंत्र होती हैं, तो उनका आत्म-सम्मान और घरेलू फैसलों में उनकी भागीदारी बढ़ती है।
उन्होंने कहा कि पिछले 11 सालों से उनकी सरकार ने महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को प्राथमिकता दी है। 2014 से पहले लाखों महिलाओं के पास बैंक खाते नहीं थे, लेकिन जन-धन योजना के तहत उनके खाते खोले गए और अब वे सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ उठा रही हैं। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इसके 75 फीसदी लाभार्थी महिलाएं हैं।
इसके अलावा 1 करोड़ महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं और मिलकर प्रगति कर रही हैं। उन्होंने ‘लखपति दीदी’ कार्यक्रम की सफलता का भी उल्लेख किया और कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से तीन करोड़ महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का लक्ष्य है, जिनमें से 1.5 करोड़ से अधिक महिलाएं पहले ही लखपति बन चुकी हैं।
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना-आयुष्मान भारत का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले महिलाएं गर्भावस्था के दौरान इलाज कराने से डरती थीं, उन्हें डर था कि यह परिवार पर आर्थिक बोझ बन जाएगा। लेकिन अब इस कार्यक्रम से 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज उपलब्ध है, जिससे महिलाओं को राहत मिली है।
उन्होंने हर घर में पाइप से पानी, बिजली, गैस और स्वच्छता सुविधाओं जैसी बुनियादी सुविधाओं में सुधार की भी चर्चा की, जो महिलाओं के सम्मान और जीवन स्तर को ऊपर उठाने में सहायक साबित हुई हैं।
उन्होंने कहा कि अब लड़कियां पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकती हैं क्योंकि घर के कामों का बोझ कम हो गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 4 करोड़ घर बनाए गए हैं, जिनमें से अधिकांश महिलाओं के नाम पर पंजीकृत हैं। इसका परिणाम यह हुआ है कि महिलाएं पहली बार जमीन की मालिक बनी हैं।
उन्होंने देवी अहिल्याबाई होल्कर को शिल्प और उद्योग की संरक्षिका बताते हुए कहा कि उन्होंने माहेश्वरी साड़ी बुनाई जैसे पारंपरिक उद्योगों को बढ़ावा दिया। उन्होंने कृषि में विविधीकरण और आदिवासी तथा खानाबदोश किसानों को खाली जमीन देने जैसे उनके प्रयासों की भी सराहना की।