ओला ने जीरो कमीशन मॉडल शुरू किया है, जिसका फायदा 100,000 से ज्यादा ड्राइवरों को मिलेगा। अब ड्राइवर पूरा किराया अपने पास रख सकेंगे। उन्हें ओला प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने के लिए एक तय फीस देनी होगी।
हाइलाइट्स
- ओला ने कमीशन सिस्टम खत्म कर दिया है, ड्राइवरों की कमाई बढ़ गई है।
- ओला के इस कदम से ग्राहकों की जेब पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा।
- ओला ने जीरो कमीशन मॉडल शुरू किया है।
- ड्राइवरों की कमाई बढ़ गई है, ओला प्लेटफॉर्म फीस वसूलेगी।
- ग्राहकों की जेब पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा।
पूर्वांचल न्यूज़ प्रिंट / नई दिल्ली। भाविश अग्रवाल की राइड-हेलिंग कंपनी ओला ने बड़ा कदम उठाते हुए पूरे देश में जीरो कमीशन मॉडल लागू कर दिया है। अब ड्राइवर-पार्टनर ग्राहक से लिया गया पूरा किराया अपने पास रख सकेंगे और उन्हें ओला को कोई कमीशन नहीं देना होगा। कंपनी का दावा है कि इससे 100,000 से ज़्यादा ड्राइवर-पार्टनर्स को फ़ायदा होगा। जीरो-कमीशन मॉडल को कार, बाइक और टैक्सी जैसी सभी वाहन श्रेणियों में लागू किया गया है और इसमें ट्रिप की संख्या या आय की कोई सीमा नहीं है।
ओला ने इस योजना को चरणों में लागू किया है। शुरुआत में ओला ऑटो, फिर ओला बाइक और अब ओला कैब्स के साथ यह बदलाव किया गया। कंपनी का दावा है कि ड्राइवरों की आर्थिक आज़ादी और उनके भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में यह कदम उठाया गया है। ओला के इस कदम से ग्राहकों की जेब पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा।
अब ओला कैसे कमाएगी?
पारंपरिक मॉडल में ओला हर ट्रिप पर ड्राइवरों से 15% से 20% कमीशन लेती थी। अब जीरो-कमीशन मॉडल लागू होने से ओला कैसे कमाएगी? यह एक अहम सवाल है। दरअसल, कंपनी अब कमीशन की जगह ड्राइवरों से ओला के प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने के लिए एक फ्लैट दैनिक या मासिक शुल्क ले रही है। ड्राइवर अब एक निश्चित योजना चुनकर ग्राहक से काटे गए पूरे किराए को अपने पास रख सकते हैं।
ड्राइवरों को लाभ
ओला कंज्यूमर के प्रवक्ता ने कहा, "शून्य-कमीशन मॉडल का राष्ट्रव्यापी लॉन्च राइड-हेलिंग उद्योग में एक मौलिक बदलाव है। यह ड्राइवर-भागीदारों को अधिक जिम्मेदारी और बेहतर अवसर प्रदान करेगा।" कंपनी का दावा है कि ओला भारत की कुछ लाभदायक इंटरनेट कंपनियों में से एक है और यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देती है। इसे प्राप्त करने के लिए, ओला ने ड्राइवरों के लिए पृष्ठभूमि जाँच, वाहन की गुणवत्ता जाँच और इन-ऐप आपातकालीन सुविधाओं जैसे कड़े उपाय किए हैं।
शून्य-कमीशन मॉडल ओला को प्रतिस्पर्धी बनाएगा
उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि यह मॉडल न केवल ड्राइवरों की आय बढ़ाएगा बल्कि ओला को प्रतिस्पर्धी बाजार में खुद को फिर से मजबूती से स्थापित करने में भी मदद करेगा। रैपिडो और नम्मा यात्री जैसे प्रतिस्पर्धी पहले ही सॉफ़्टवेयर एज़ ए सर्विस (SaaS) पर आधारित शून्य-कमीशन मॉडल को अपना चुके हैं। ओला इस मॉडल के ज़रिए अपने प्लेटफ़ॉर्म पर ड्राइवरों को बनाए रखना चाहती है।
किस देश में सबसे ज़्यादा राइड-हेलिंग सेक्टर है?
भारत का राइड-हेलिंग सेक्टर शहरी परिवहन का एक प्रमुख हिस्सा बन गया है। वर्ष 2024 के लिए इसका अनुमानित राजस्व 7.53 बिलियन डॉलर था, जो 2029 तक बढ़कर 11.64 बिलियन डॉलर हो सकता है। ओला का नया मॉडल इस क्षेत्र को अधिक टिकाऊ और समावेशी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।