विंध्याचल धाम में आस्था की सेवा में समर्पित पंडा समाज में असंतोष की ज्वाला सुलगने लगी है।
कह रहे हैं कि चलो परिवार के साथ धरने पर बैठो
मीरजापुर / पूर्वांचल न्यूज़ प्रिंट : विंध्याचल धाम में आस्था की सेवा में समर्पित पंडा समाज में असंतोष की ज्वाला सुलगने लगी है। 1953 में स्थापित विंध्य पंडा समाज का चुनाव आठ साल से नहीं हो सका है, जिससे समाज के पुरोहितों में भारी आक्रोश है।
पूर्व अध्यक्ष भगवान दत्तपाठक ने साफ चेतावनी दी है कि अगर जल्द चुनाव नहीं हुए तो हम परिवार के साथ शांतिपूर्ण धरने पर बैठेंगे।
राजन पाठक का दावा है कि पंडा समाज में हर दो साल में चुनाव होता था, जिससे मंदिर की व्यवस्था दुरुस्त रहती थी। लेकिन पिछले आठ साल से चुनाव में राजनीतिक अड़चन आ रही है। उन्होंने आईजीआरएस के जरिए जिला प्रशासन के समक्ष यह मुद्दा उठाया है। लेकिन विंध्य विकास परिषद के अनुसार अभी तक समाज से ये दस्तावेज प्राप्त नहीं हुए हैं, जिस कारण चुनाव नहीं हो पा रहे हैं।
पुजारियों की दलील- प्रशासन बहाने बना रहा है
पूर्व अध्यक्ष राजन पाठक ने तीखा सवाल उठाया कि जब विधानसभा और लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी खुद निर्विरोध मतदाता सूची जमा करता है, तो मतदाताओं से इसकी मांग क्यों की जा रही है? उन्होंने आरोप लगाया कि निर्विरोध मतदाता सूची पहले ही जमा हो चुकी है, लेकिन प्रशासन जानबूझकर इसमें देरी कर रहा है।
संघर्ष का ऐलान
आक्रोशित पुरोहित अब जीवन-मरण के संघर्ष के लिए तैयार हैं। यदि चुनाव प्रक्रिया जल्द शुरू नहीं हुई, तो वे अपने परिवार के साथ शांतिपूर्ण समारोह में भाग लेंगे, जिससे प्रशासन की परेशानी बढ़ सकती है।