काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर अशोक कुमार सोनकर के नेतृत्व में पुष्कर तालाब को साफ एवं स्वच्छ करने के लिए तालाब आरती की गई।
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पुष्कर तालाब की आरती कर संरक्षित करने का लिया संकल्प |
- तालाबों व जलकुंडों के संरक्षण के लिए जीवन समर्पित किए हैं जलपुरुष अशोक सोनकर, रोज करते हैं आरती
वाराणसी।तेजी से कम होते जा रहे तालाब, कुण्ड एवं पोखरा के संरक्षण के लिए अपना जीवन समर्पित कर देने वाले काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर अशोक कुमार सोनकर के नेतृत्व में रविवार को पुष्कर तालाब को साफ एवं स्वच्छ करने के लिए तालाब आरती की गई।
इस अवसर पर डॉ. अशोक कुमार सोनकर, सहायक प्रोफेसर, इतिहास विभाग सामाजिक विज्ञान संकाय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी ने कहा कि जल स्रोत के संरक्षण करने हेतु जागरूकता के साथ लोगों को भावनात्मक रूप से तालाब, कुंडों से जोड़ना पड़ेगा। तब जाकर जल स्रोत तालाब, कुण्ड, पोखरा आदि संरक्षित हो पायेगा, नहीं तो इनका अस्तित्व लगभग समाप्त हो जायेगा।
काशी के तालाब केवल जल स्रोत के भण्डार नहीं है बल्कि, यह हमारे लोकाचार एवं संस्कृति का अंग है। इसलिए काशी के प्रत्येक परिवार तालाब, कुण्ड, पोखरा से जूड़ा रहता था। लेकिन आधुनिकता एवं पश्चिमकरण के प्रभाव ने जल स्रोतों से आम जन जीवन को अलग कर दिया है। जिससे तालाब, कुण्ड, पोखरा का अस्तित्व ख़तरे में पड़ गया है।तालाब आरती के उपरांत लोगों ने जल स्रोंत संरक्षण का संकल्प लिया।
इस अवसर पर डॉ. अरविंद शुक्ला पूर्व उपाध्यक्ष छात्र संघ काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने पुष्कर तालाब की धार्मिक महत्ता पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला तथा डॉ. प्रवीण सिंह ने काशी के तालाबों की दयनीय स्थिति को सुधारने पर चर्चा की। इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित रहे।