Digital Payments in Post Offices: अब डाकघरों में यूपीआई और क्यूआर कोड के जरिए भुगतान , नई सुविधा अगस्त से

Digital Payments in Post Offices: अब डाकघरों में यूपीआई और क्यूआर कोड के जरिए भुगतान , नई सुविधा अगस्त से

Digital Payments in Post Offices: डाक विभाग (इंडिया पोस्ट) ने घोषणा की है कि अगस्त 2025 से देशभर के डाकघरों में डिजिटल भुगतान की सुविधा उपलब्ध करा दी जाएगी। 

Digital Payments in Post Offices: अब डाकघरों में यूपीआई और क्यूआर कोड के जरिए भुगतान , नई सुविधा अगस्त से

Digital Payments in Post Offices:: भारत सरकार अब डिजिटल इंडिया मिशन को और मजबूती देगी। डाक विभाग (इंडिया पोस्ट) ने अगस्त 2025 से देशभर के डाकघरों में डिजिटल भुगतान लागू करने की घोषणा की है। इसका मतलब है कि अब डाकघरों में यूपीआई, क्यूआर कोड और ऑनलाइन लेनदेन के जरिए भुगतान किया जा सकेगा। अभी तक देश के हजारों डाकघरों में डिजिटल भुगतान की व्यवस्था नहीं थी, क्योंकि उनके बैंक खाते यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) से जुड़े नहीं थे। लेकिन अब यह स्थिति बदलने वाली है।

अब तक डिजिटल भुगतान क्यों उपलब्ध नहीं थे: डाकघर के पास अपने ग्राहक इंटरफेस को डिजिटल भुगतान से जोड़ने के लिए आवश्यक तकनीकी क्षमताएँ नहीं थीं। दूसरे शब्दों में, जब कोई व्यक्ति डाकघर से कोई सेवा या उत्पाद खरीदता था, तो वह केवल नकद या कार्ड से ही भुगतान कर सकता था। UPI या स्कैन के माध्यम से भुगतान करने का विकल्प उपलब्ध नहीं था। हालाँकि, डाकघर ने पहले अपने खुदरा दुकानों पर स्थिर QR कोड लगाने की कोशिश की थी, लेकिन तकनीकी गड़बड़ियों और ग्राहकों की शिकायतों के कारण पहल को रोकना पड़ा। अब क्या बदलेगा?: स

 सूत्रों के अनुसार, “IT 2.0” परियोजना के हिस्से के रूप में एक नई डिजिटल प्रणाली विकसित की गई है, जो QR कोड-आधारित भुगतान का समर्थन करती है। यह प्रणाली अगस्त 2025 से पूरे देश में लागू की जाएगी। इसका ट्रायल कर्नाटक जिले में किया गया था। मैसूर और बागलकोट डाकघरों में मेल बुकिंग के दौरान QR कोड भुगतान सुविधा सफलतापूर्वक उपलब्ध कराई गई थी। 

लोगों के लिए यह कैसे आसान होगा?: अब, आप डाकघर में सेवा प्राप्त करते समय अपने UPI को स्कैन करके भुगतान कर पाएंगे। नकद लेन-देन का झंझट खत्म हो जाएगा और भुगतान की पुष्टि तुरंत हो जाएगी और रसीद भी मिलेगी। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में डिजिटल एकीकरण को बढ़ावा मिलेगा और डाकघरों में उपलब्ध सेवाएँ और भी तेज़ और विश्वसनीय हो जाएँगी।

डाकघर भारत के सबसे पुराने और सबसे व्यापक नेटवर्क में से एक हैं। 1.5 लाख से ज़्यादा डाकघरों के डिजिटलीकरण से ग्रामीण भारत में डिजिटल भुगतान प्रणाली की पहुँच और बढ़ेगी। इस कदम से न सिर्फ़ ग्राहकों की सुविधा बढ़ेगी बल्कि सरकार के कैशलेस अर्थव्यवस्था के उद्देश्य को भी बल मिलेगा।

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