जिले में एक बाँध के टूटने के बाद, कर्मनाशा, चंद्रप्रभा और गड़ई नदियाँ उफान पर आ गईं। नदी किनारे बसे डेढ़ दर्जन से ज़्यादा गाँवों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं।
पूर्वांचल न्यूज़ प्रिंट / ब्यूरो चीफ दिवाकर राय चंदौली
जिले में एक बाँध के टूटने के बाद, कर्मनाशा, चंद्रप्रभा और गड़ई नदियाँ उफान पर आ गईं। नदी किनारे बसे डेढ़ दर्जन से ज़्यादा गाँवों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं।
पहाड़ी इलाकों में दो दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण मूसाखांड और चंद्रप्रभा बाँध लबालब भर गए हैं। अहरौरा के पास बाँध के टूटने से बबुरी क्षेत्र के गाँव प्रभावित हुए हैं। हालाँकि पानी अभी गाँवों तक नहीं पहुँचा है, लेकिन धान के खेत और सीवेज सिस्टम जलमग्न हो गए हैं।
डीएम और एसपी ने कर्मनाशा और चंद्रप्रभा नदियों से प्रभावित इलाकों का किया दौरा
रविवार को ज़िला मजिस्ट्रेट चंद्रमोहन गर्ग और पुलिस अधीक्षक आदित्य लांघे ने कर्मनाशा और चंद्रप्रभा नदियों से जुड़े बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया। पुलिस अधिकारियों ने उन्हें बाँधों पर विशेष सुरक्षा उपाय लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने बाढ़ प्रभावित निवासियों को सुरक्षित शिविरों में पहुँचाने पर भी ज़ोर दिया।
बाढ़ निगरानी चौकियाँ, पशु शिविर और चिकित्सा शिविर स्थापित किए गए। गोताखोर और बचाव दल तैनात किए गए। पशुओं और निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर स्तर पर उपाय किए गए।
यहां के राजेश खरवार ने बताया कि गड़ई नदी का जलस्तर बढ़ने से धान के खेत और पशुओं का चारा पानी में डूब गया। इससे उनके परिवार के सामने आजीविका का संकट पैदा हो गया। स्थानीय निवासी दीपक यादव के अनुसार, चंद्रप्रभा और गड़ई नदियों का पानी खेतों में भर गया।
प्रशासन ने स्थिति से निपटने के लिए कदम उठाए हैं। एसडीएम दिव्या ओझा रविवार को बबुरी पहुँचीं और नदी किनारे रहने वाले आदिवासी परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने के लिए कदम उठाए। सदर कोतवाली क्षेत्र के कांटा, विष्णुपुरा और बबुरी समेत कई गाँव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। पशुओं के चारे की कमी के कारण निवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।