"नो हेलमेट, नो फ्यूल" विशेष अभियान-01 से 30 सितम्बर 2025 तक

"नो हेलमेट, नो फ्यूल" विशेष अभियान-01 से 30 सितम्बर 2025 तक

शासन के निर्देशानुसार जनपद में "No Helmet, No Fuel "विशेषचेकिंग अभियान दिनांक-01.09.2025 से 30.09.2025 तक संचालित किया जा रहा है। 
"नो हेलमेट, नो फ्यूल" विशेष अभियान-01 से 30 सितम्बर 2025 तक

पूर्वांचल न्यूज़ प्रिंट /ब्यूरो चीफ दिवाकर राय चंदौली |

यह अभियान जन-सुरक्षा एवं सड़क सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। मोटर वाहन अधिनियम 1988की धारा 129 द्वारा दोपहिया चालक एवं पिलियन हेतु हेलमेट अनिवार्य है तथा 194डी इसके उल्लंघन पर दण्ड काप्रावधान करती है। 

सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा समिति (SCCORS) द्वारा भी हेलमेट अनुपालन को प्राथमिकतादेने हेतु राज्यों को निर्देशित किया गया है। अतः "नो हेलमट, नो पेट्रोल" पहल विधि-सम्मत, जनहितकारी तथासड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु/गम्भीर चोटों को घटाने के उद्देश्य से पूर्णतः औचित्यपूर्ण है।

"नो हेलमेट, नो फ्यूल" विशेष अभियान-01 से 30 सितम्बर 2025 तक

सड़क सुरक्षा को सुदृढ़ बनाने हेतु "नो हेलमेट नो फ्यूल" का अभियान चलाया जा रहा है जिसके अन्तर्गतजनपद के समस्त डीजल / पेट्रोल पम्प आउटलेट्स पर "नो हेलमेट, नो पेट्रोल, आपका जीवन है अनमोल' सम्बन्धीबैनर होर्डिंग लगाए जाएगें। विदित हो कि जनपद में परिवहन विभाग, जिला पूर्ति विभाग के अधिकारी एवं पेट्रोलपम्पों के संचालकों का एक व्हास्टअप ग्रुप बनाया गया है जिसमें बिना हेलमेट लगाये हुए दो पहिया वाहन चालकोंद्वारा पेट्रोल भराने की मांग किये जाने पर सी०सी०टी०वी० में दर्ज फाटोग्राफ कोपेट्रोल पम्प संचालकों द्वाराव्हास्टअप ग्रुप पर प्रेषित की जाएगी जिसके विरूद्ध परिवहन विभाग एवं जिला पूर्ति विभाग चन्दौली द्वारा कार्यवाहीकी जाएगी।

"नो हेलमेट, नो फ्यूल" विशेष अभियान-01 से 30 सितम्बर 2025 तक

सड़क प्रदेश में प्रतिवर्ष सड़क दुर्घटनाओं में अपार जनधन की हानि हो रही है। वर्ष 2024 में 46,052 दुर्घटनाओं में 24.118 व्यक्ति असमय काल कवलित हुए हैं, जिसमें 18 से 36 वर्ष के युवाओं की संख्या सर्वाधिक 51 प्रतिशत है। वाहन चलाते समय हेलमेट का प्रयोग न करने से लगभग 31 प्रतिशत व्यक्तियों की सड़क दुर्घटना मेंमृत्यु होती है। सड़क दुर्घटना से युवा सदस्य की असमय मृत्यु परिवार के लिए मानसिक आघात लाती है तथा यहसामाजिक एवं आर्थिक दृष्टि से भी गम्भीर चिंता का विषय है।

प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने एवं इससे हो रही जान-माल की क्षति को कम करने के लिए राज्यसरकार बेहद संवेदनशील है तथा इसके लिए निरंतर प्रयासरत है, जिसकी समीक्षा माननीय मुख्यमंत्री जी उ०प्र०सरकार द्वारा स्वयं की जाती है। जनसामान्य एवं दो पहिया वाहन चालकों से परिवहन विभाग द्वारा यह अपील कीजाती है कि वे दो पहिया वाहन चालते समय अनिवार्य रूप से BIS मानक वाले हेल्मेट का प्रयोग करें ताकि सड़कदुर्घटना के समय सुरक्षित रह सके।

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