पितृ पक्ष : पूर्णिमा स्नान के साथ कल से पितृ पक्ष के 16 दिन शुरू; क्या करें और क्या न करें

पितृ पक्ष : पूर्णिमा स्नान के साथ कल से पितृ पक्ष के 16 दिन शुरू; क्या करें और क्या न करें

पितृ पक्ष : पूर्णिमा स्नान के साथ आज से पितृ पक्ष के 16 दिन शुरू; क्या करें और क्या न करें
रविवार को पूर्णिमा स्नान शुरू हो रहा , श्रद्धालु गंगा में आस्था की लगाएंगे डुबकी 

Pitru Paksha 2025 : यूपी सहित पूरे देश में रविवार को पूर्णिमा स्नान होगा। इसका मतलब यह है कि16 दिवसीय पितृ पक्ष (पितृ पक्ष 2025) 7 सितंबर से शुरू होगा। 

खास बातें :-
  • कल से पूर्णिमा स्नान और पितृ पक्ष शुरू |
  • गंगा में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद |
  • कल रात में चंद्रग्रहण, मंदिरों के कपाट बंद |

लखनऊ। यूपी सहित पूरे देश में रविवार को पूर्णिमा स्नान होगा। इसका मतलब यह है कि 16 दिवसीय पितृ पक्ष (पितृ पक्ष 2025) 7 सितंबर से शुरू होगा। इसी दौरान कल रात्रि चंद्रग्रहण भी होगा। पुलिस ने गंगा स्नान की तैयारियां शुरू कर दी हैं।

 पूर्णिमा स्नान के साथ पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2025) शुरू हो रहा है। रविवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा में स्नान करेंगे और अपने पूर्वजों के सम्मान में धार्मिक अनुष्ठान करेंगे। रात में चंद्रग्रहण भी लगेगा और मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे। यूपी में पुलिस ने अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है।

कल रविवार को पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालु गंगा स्नान कर पुण्य अर्जित करेंगे। पितृ पक्ष शुरू होने के कारण गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने की उम्मीद है। पहले दिन कई लोग गंगा व  नजदीकी नदियों में स्नान कर गंगा तट पर अपने पूर्वजों के लिए धार्मिक अनुष्ठान करेंगे।

पंडित विनोद शास्त्री ने बताया कि कल पितृ पक्ष पूर्णिमा से शुरू होता है। यह पितृ पक्ष अमावस्या पर समाप्त होगा। गंगा स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुलिस हाई अलर्ट पर है। इसके लिए पुलिस को हाईवे और गंगा तटों पर सतर्क रहने और श्रद्धालुओं को गहरे पानी में जाने से रोकने के लिए विशेष निगरानी रखने के आदेश दिए गए हैं। गंगा और अन्य नदियों में स्नान के दौरान गोताखोरों को तैनात किया गया है।

इसके परिणामस्वरूप, चंद्र ग्रहण कल रात 10:58 बजे शुरू होगा और 1:26 बजे समाप्त होगा। चंद्र ग्रहण की कुल अवधि तीन घंटे 28 मिनट की होगी। इस चंद्र ग्रहण का सूतक कल दोपहर 12:57 बजे से शुरू होगा। इस बीच, चंद्र ग्रहण के कारण मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे।

क्या करें और क्या न करें

विष्णु पुराण में वर्णित है कि शरीर, द्रव्य, स्त्री, पृथ्वी, मन, मंत्र और ब्रह्म को शुद्ध रखना चाहिए। गौशाला, मंदिर और नदी तट पर श्राद्ध करना सर्वोत्तम माना जाता है। सोने, चांदी, तांबे और कांसे के बर्तनों में भोजन करना सर्वोत्तम माना जाता है। इसके अलावा, पलाश के पत्तों पर भोजन करना चाहिए।

इस दौरान लोहे और मिट्टी के बर्तनों का उपयोग नहीं करना चाहिए। श्राद्ध के दौरान क्रोध नहीं करना चाहिए। जल्दबाजी में श्राद्ध करने से भी बचना चाहिए। श्राद्ध में सुगंधित सफेद फूलों का प्रयोग करना चाहिए, लाल और काले फूलों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

सबसे विश्वसनीय पूर्वांचल का हिंदी न्यूज़ वेबसाइट पूर्वांचल न्यूज़ प्रिंट | For more related stories, follow: News in Hindi-👉 Facebook 👉Twitter 👉 Instagram 👉 Teligram👉Google News. पोर्टल की सदस्यता ग्रहण करने के लिए Membership Plan देखें |