श्रीमती सुनीता श्रीवास्तव मा० सदस्य महोदया, राज्य महिला आयोग द्वारा,उ0प्र0 लखनऊ द्वारा "मिशन शक्ति फेज 5.0" के अन्तर्गत जन जागरूकता एंव संवाद कार्यक्रम किया गया.
- महिला आयोग, उ०प्र० लखनऊ द्वारा जन जागरूकता कार्यक्रम में संस्थान में अध्यनरत बालिकाओं के साथ संवाद किया गया
- बालिकाओं को बाल विवाह रोकने हेतु शपथ दिलाया गया महिला व अन्य हेल्प लाइन नम्बरकी विस्तृत जानकारी दी गयी
पूर्वांचल न्यूज़ प्रिंट /ब्यूरो चीफ दिवाकर राय चंदौली |
मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (कोविड - 19 ) के अन्तर्गत 04 बच्चो को लैपटापदिया गया एवं उत्कृष्ट कार्य करने वाली राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, रेवसा, चन्दौली के 40 प्रशिक्षार्थियों को मोमेन्टो एवं सम्मान प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया, इसके अतिरिक्त आई0टी0आई0 की बालिकाओं को आत्म रक्षा हेतु पुलिस विभाग के प्रशिक्षण श्री नन्द जी द्वारा प्रशिक्षण दिया गया।
जनपद के अन्य स्थानों पर 3लैंगिक समानता विषय पर नुक्कड़ नाटकों का हुआ आयोजन
उत्तर प्रदेश शासन द्वारा महिलाओं / बालिकाओं के सुरक्षार्थ व स्वालंबन हेतु चलाये जा रहे मिशन शक्ति अभियान (फेज - 5.0) के तहत नारी सुरक्षा सम्मान एवं
स्वावलंबन के लिए समर्पित मिशन शक्ति 5.0 के अन्तर्गत लैगिंक समानता विषय पर नुक्कड़ नाटको के माध्यम से जनपद के विभिन्न स्थानो पर आम जनमानस को जागरूक किया गया तथा बताया गया कि लिंग, विकलांगता, या किसी अन्य व्यक्तिगत विशेषता के बावजूद सभी व्यक्तियों के अधिकार,जिम्मेदारियां और अवसर समान हों. किसी व्यक्ति के लिंग के आधार पर उनके अधिकारों,जिम्मेदारियों और अवसरों में कोई भेदभाव नहीं किया जाए, यह एक मानवाधिकार है जो लैंगिक असमानताओं को खत्म करने और सभी के लिए समान स्वास्थ्य, शिक्षा और आर्थिक अवसरों तक
पहुँचने में मदद करता है, साथ ही लैंगिक समानता के तहत समान अधिकार और अवसर पुरुषों,महिलाओं, और अन्य सभी लिंगों के लोगों को समान अधिकार और अवसर मिलने चाहिए।मानवाधिकारों की पूर्ति, लैंगिक समानता एक मौलिक मानव अधिकार है और किसी भी समाज के विकास के लिए आवश्यक है, इकसे साथ ही यह भी अवगत कराया गया कि सामाजिक-सांस्कृतिक
बाधाओं को दूर करना, लैंगिक समानता को हासिल करने के लिए उन सामाजिक और सांस्कृतिक मान्यताओं और मानदंडों को बदलना होगा जो लिंग-आधारित भेदभाव को बढ़ावा देते हैं। महिला सशक्तिकरण, महिलाओं और लड़कियों को सशक्त बनाने में मदद करता है ताकि वे अपने जीवन के बारे में स्वतंत्र निर्णय ले सकें और अपनी पूरी क्षमता हासिल कर सकें।
उपरोक्त के साथ ही महिलाओं एवं बालिकाओं को विभिन्न हेल्पलाइन नम्बर, वूमेन पॉवर लाइन 109, पुलिस आपातकालीन - 112, एम्बुलेंस 108, चाइल्ड लाइन - 1098, स्वास्थ्य सेवा -102, महिला हेल्पलाइन 181, मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076 तथा सार्थक और सकारात्मक चर्चा कर गुड टच बैड टच के बारे में घरेलू हिंसा के बारे में, साइबर हेल्पलाइन - 1930 आदि सहित कानूनी प्रावधानो एवं उनके अधिकारो इत्यादि के बारे में चर्चा करते हुए शासन द्वारा चलायी जा रही विभिन्न सरकारी योजनाओं के विषय में जानकारी देते हुए पम्पलेट प्रदान कर जागरूक किया गया, साथ हीमहिलाओं के संबंध में संचालित योजनाओं यथा मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, बेटी बचाओ बेटीपढ़ाओ, वन स्टॉप सेन्टर, 181 महिला हेल्पलाइन, पति की मृत्युपरांत निराश्रित महिला योजना, प्रदेश में स्थापित महिला शरणालय, शक्ति सदन व सखी निवास योजनाओं के बारे में बताया गया.साथ ही महिलाओं व बालिकाओं को संरक्षण प्रदान करने वाले प्रमुख कानूनों यथा घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005, कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष), अधिनियम, 2013, दहेज निषेध अधिनियम, 1961 (संशांधित 1986 ) तथा गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम, 1994 के प्रमुख प्रावधानों के बारे में आमजन को जागरूक किया गया ।