... टूटती उम्मीदों को दुर्गेश दे रहे सपनों की उड़ान

... टूटती उम्मीदों को दुर्गेश दे रहे सपनों की उड़ान

समाज में आज भी ऐसे लोग मौजूद हैं, जो भेदभाव का शिकार हो रही बालिकाओं को शिक्षा दिला कर दूसरों के बराबर ला रहे हैं ! 

समाज में आज भी ऐसे लोग मौजूद हैं, जो भेदभाव का शिकार हो रही बालिकाओं को शिक्षा दिला कर दूसरों के बराबर ला रहे हैं !
  • अपने भिक्षाटन अभियान से 300 बालिकाओं को किया शिक्षित
चंदौली : समाज में आज भी ऐसे लोग मौजूद हैं, जो भेदभाव का शिकार हो रही बालिकाओं को शिक्षा दिला कर दूसरों के बराबर ला रहे हैं !  ऐसे ही लोगों में शामिल हैं जनपद के आवाजापुर निवासी समाजसेवी दुर्गेश सिंह  !  पिछले कई वर्षों से जनपद के जरूरतमंद बालिकाओं की शिक्षा के लिए कार्य कर रहे हैं ! वह बालिकाओं की सेहत और आर्थिक आत्मनिर्भरता की भी बात करते हैं ! 

दुर्गेश सिंह के कार्यों के लिए शिक्षा विभाग व अन्य संस्थाओं द्वारा उन्हें सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार का सम्मान मिल चुका है ! ग्रामीण क्षेत्र की जरूरतमंद बालिकाएं  आर्थिक अभाव में पांचवी सातवीं क्लास से आगे नहीं पढ़ पाती थी  !

इसके पीछे अभिभावकों का मानना था की लड़कियों को पढ़ाई की आवश्यकता नहीं है ! उन्होंने इस मिथक को तोड़ने का प्रयास किया  और अभिभावकों को जागरूक किया ! इसके बाद उन्होंने बालिकाओं से सीधी बात की और जाना की 200 ₹300 ट्यूशन फीस और मामूली खर्च के कारण ये बच्चिया हाई स्कूल तक की शिक्षा नहीं ले पा रही थी  ! 

दुर्गेश सिंह ने हर साल ऐसे बच्चियों की सूची बननी शुरू की और 15 - 20 बालिकाओं को नजदीकी स्कूल में नामांकित कराया ! जनपद के कई विद्यालय में उनका नाम सुनते ही बच्चियों का नामांकन हो जाता ! क्योंकि उन्होंने वहां फीस माफ करने की व्यवस्था की है ! वे स्वयं अपने भिक्षाटन के पैसे से फीस का भुगतान करते हैं और विशेष रूप से एकल अभिभावक की बच्चों पर ध्यान केंद्रित करते हैं !

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