लोक संस्कृति के पर्व करवा चौथ के प्रसार में बालीवुड की भूमिका

लोक संस्कृति के पर्व करवा चौथ के प्रसार में बालीवुड की भूमिका


डॉ० जितेन्द्र सिंह /पूर्वांचल न्यूज़ प्रिंट

पति की लंबी उम्र के लिए सुहागिन महिलाएं शुक्रवार को करवा चौथ का व्रत रखीं। इस व्रत में पूरे दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखने के साथ ही चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपना व्रत खोला। बॉलीवुड में कई फिल्मों में एक्ट्रेस ने करवा चौथ का व्रत रखते हुए इस पर्व के क्षेत्रीय प्रसार में अहम रोल अदा किया है। 

इस कड़ी में माला सिन्हा, राधिका, फराह नाज़, जयाप्रदा, काजोल सहित दर्जनों अभिनेत्रियों का नाम उल्लेखनीय है। बॉलीवुड की चमक-दमक ने एक तरफ इस व्रत को छोटे शहरों में लोकप्रिय बनाया तो दूसरी तरफ पूजा पद्धति एवं कर्मकांड में भौतिकतावादी सामग्री का अंश बढ़ता गया। हालांकि कुछ वालीवुड एक्ट्रेस ऐसी भी हैं जो इस व्रत में यकीन नहीं करतीं। कुछ ने तो खुलेआम इस व्रत से जुड़ी मान्यताओं का उपहास उड़ाया। फिर भी करवा चौथ की लोकप्रियता में भारतीय सिनेमा के योगदान को नहीं भुलाया जा सकता है।

 बहू बेटी (1965) संभवतः प्रथम फिल्म थी जिसका गीत आज है करवा चौथ सखी रे, मांग ले सुख का दान..आशा भोसले की आवाज में मुमताज और माला सिन्हा पर फिल्माया खासा लोकप्रिय हुआ। लेकिन पौराणिक मिथक पर बनी करवा चौथ (1978) प्रथम फिल्म थी जिसका गीत करवा चौथ का व्रत ऐसा जिसकी महिमा अपरम्पार.. उषा मंगेशकर द्वारा गाया लोगों की जुबान पर आ गया। नसीब अपना अपना (1986) का भला है बुरा है जैसा भी है.. गीत को राधिका और फराह नाज पर फिल्माया अनुराधा पौडवाल एवं कविता कृष्णमूर्ति द्वारा गाया गया। आगे चलकर जयाप्रदा पर गंगा जमुना सरस्वती (1988) के पति परमेश्वर के सिवा मुझको.. गीत को लता मंगेशकर ने आवाज दी। घर-घर की कहानी (1988) के गीत मैंने जिसे चाहा वही मिला.. गीत को अनुपमा देशपांडे ने अपनी आवाज दी। 

मिथुन चक्रवर्ती अभिनीत गुनाहों का देवता (1990) के गीत करवा चौथ का वरत मैंने रखा.. को साधना सरगम ने अपनी आवाज दी। आशिक आवारा (1993) चौकी पर लाल कपड़ा, जीवन चुनरी लाये हम.. एवं ऐ काश देखूं मैं आज की रात, चांद और पिया दोनों एक साथ.. गीत को साधना सरगम की मधुर आवाज में फिल्माया गया। 

अक्षय कुमार अभिनीत सैनिक (1993) के गीत हैं मेरी सांसों में मेरे पिया.. भी युवाओं के बीच चर्चित रहा। लेकिन दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे (1995) के गीत तेरे हाथ से पीके पानी, दासी से बन जाऊं रानी.. के साथ ही करवा चौथ उत्तर भारत एवं विदेशों में प्रसार के साथ अमर हो गया। इसी समय करवा चौथ का वास्तविक प्रसार हुआ। आगे फिल्म आंच (2003) के गीत सदा सुहागन का वर देदे.. को अनुराधा पौडवाल ने आवाज दी। समय के साथ बालीवुड में विभिन्न त्यौहारों के साथ ही करवा चौथ का चित्रण हुआ है। 

चल चित्रण का ढंग अवश्य बदला है संचार साधनों के साथ अभिनेत्रियों ने अपने किरदार निभाये हैं लेकिन पति परमेश्वर के प्रति आस्था बलवती हुई है। लोक संस्कृति के चित्रण, प्रसार एवं मूल्यों को सहेजने में बालीवुड ने अपनी सराहनीय भूमिका निभाई है।

©डॉ० जितेन्द्र सिंह 
लेखक, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान चन्दौली, उ०प्र० में कार्यरत हैं।
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