"माता- पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम, 2007" एक ऐसा भारतीय कानून है जो बच्चों और उत्तराधिकारियों के लिए माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल करने का कानूनी दायित्व तय करता है।
पूर्वांचल न्यूज़ प्रिंट / ब्यूरो चीफ दिवाकर राय चंदौली |
माननीय राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के दिशा निर्देश व माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण चन्दौली दिवाकर प्रसाद चतुर्वेदी District Judge/Chairman District Legal Services Authority Chandauli Diwakar Prasad Chaturvedi के निर्देशन में Maintenance and Welfare of parents and Senior Citizens Act, 2007 केसन्दर्भ में सोमवार को अपर जनपद न्यायाधीश / पूर्णकालिक सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण चन्दौली विकास वर्मा -। के द्वारा कृषक सेवा समिति द्वारा चन्दौली मे संचालित वृद्धाश्रम Awareness Camp में एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमेंसंस्था के निदेशक श्री बृजेश राय, संस्था के कर्मचारी श्री अनिल यादव, संजय यादव, रमेश उपाध्याय एवं अन्य कर्मचारीगण व वृद्धजन उपस्थित रहे।
सचिव द्वारा उपस्थित वृद्धजनों को Maintenance and Welfare of parents and Senior Citizens Act, 2007 के सन्दर्भ में बताते हुए कहा गया कि "माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम, 2007" एक ऐसा भारतीयकानून है जो बच्चों और उत्तराधिकारियों के लिए माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल करने का कानूनी दायित्व तय करता है।
यह अधिनियम वरिष्ठ नागरिकों को वित्तीय सुरक्षा, कल्याण और संरक्षण प्रदान करता है और सरकार को वृद्धाश्रम और चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था करने के लिए प्रोत्साहित करता है। इसके तहत, माता-पिता के भरण-पोषण के लिए मासिक भत्ता देने, और कानूनी रूप से उनकी संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक
व्यवस्था बनाई गई है।
साथ ही सचिव द्वारा यह भी बताया गया कि ढलती उम्र की समस्याओं की गंभीरता को महसूस करते हुए भारत सरकार ने इनसे निपटने के लिए कई नीतियां और योजनाएं बनायी है। सरकार वयोवृद्धता से संबंधित मैड्रिड अन्तर्राष्ट्रीय कार्य योजना सहित वयोवृद्धता के बारे मे विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय कार्य योजनाओं के कियान्चयन केलिए भी प्रतिबद्ध है।
पैनल अधिवक्ता महेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा यह बताया गया कि अभिभावकों और वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण से संबंधित कानून 2014, इस कानून मे माता-पिता / दादा-दादी को उनके बच्चों से आवश्यकतानुसार गुजारा भत्ता दिलवाने की व्यवस्था है।
कानून में वरिष्ठ नागरिकों के जान-माल की सुरक्षा, बेहतर चिकित्सा सुविधाओं और हर जिले मे वृद्ध सदनों
की स्थापना जैसी व्यवस्थाएं है। कानून के बारे में पूरी जानकारी न होने और विभिन्न स्तरों पर ठीक तरह से कानून लागू न होने के कारण बड़ी संख्या में वृद्धजन इस कानून के अंतर्गत मिलने वाले लाभ प्राप्त नही कर पा रहे हैं।



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