फसल अवशेष प्रबंधन पर किसानों को किया गया जागरूक

फसल अवशेष प्रबंधन पर किसानों को किया गया जागरूक

कृषि विज्ञान केंद्र चंदौली में विकास खंड स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम विकास खंड शहाबगंज में आयोजित किया गया.

फसल अवशेष प्रबंधन पर किसानों को किया गया जागरूक

पूर्वांचल न्यूज़ प्रिंट /ब्यूरो चीफ दिवाकर राय चंदौली |

 कृषि विज्ञान केंद्र विकासखंड स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम Development Block Level Awareness Program ब्लॉक शहाबगंज Block Shahabganj में आयोजित किया गया इसमें फसल अवशेष प्रबंधन Crop residue management के महत्व पर विस्तार से चर्चा की गई किसानों को फसल अवशेष जलाने से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में जानकारी दी गई .

केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ नरेंद्र रघुवंशी  Senior Scientist and Chairman Dr. Narendra Raghuvanshi के कुशल निर्देशन में परियोजना के नोडल वैज्ञानिक डॉ. चन्दन सिंह ने किसानों को बताया की फसल अवशेष जलाने से मृदा में मौजूद सूक्ष्मजीव नष्ट हो जाते हैं इसमें पोषक तत्वों की मात्रा घटती है.

 मिट्टी कठोर होती है और उसकी जल धारण क्षमता कम हो जाती है उन्होंने कहा कि जीवांश पदार्थ लगातार घटने से मृदा बंजर बनने लगती है और फसल उत्पादन पर सीधा असर पड़ता है अवशेष जलाने से मृदा का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है और वायु प्रदूषण भी बढ़ रहा है.

 उन्होंने जोर देकर कहा कि किसान अवशेषों को खेतों में ही डिकंपोजर की मदद से सड़ाये।उन्होंने बताया कि हैपी सीडर, मल्चर ,रोटावेटर, सुपर सीडर और स्मार्ट सीडर जैसे कृषि यंत्र अवशेष प्रबंधन के लिए उपयोगी है साथ ही किसानों से अपील की वे अपने गांव में इस बारे में जागरूकता फैलाए ।  

केंद्र के वैज्ञानिक श्री मनीष कुमार सिंह ने बताया कि घर में उपयोगी सब्जी एवं फल अवशेष को भी ना जलाएं इसे सड़ा कर कंपोस्ट में उपयोग करें जिससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी उत्पादन गुणवत्ता युक्त होगा।

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