भारतीय रेलवे के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में चार नई Vande Bharat Express ट्रेनों का उद्घाटन किया।
वाराणसी : शनिवार को भारतीय रेलवे के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया जब Prime Minister Narendra Modi ने वाराणसी में Four new Vande Bharat Express trains का उद्घाटन किया। ये ट्रेनें गति, आराम और आधुनिक तकनीक का एक आदर्श उदाहरण होंगी और यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाएँगी। इसके साथ ही, देश भर में वंदे भारत ट्रेनों की कुल संख्या 164 हो गई है।
ये नई ट्रेनें वाराणसी-खजुराहो, लखनऊ-सहारनपुर, फिरोजपुर-नई दिल्ली और एर्नाकुलम-बेंगलुरु रूटों पर चलेंगी। चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में निर्मित ये हाई-टेक ट्रेनें "Make in India" पहल का हिस्सा हैं और रेलवे के आधुनिकीकरण में योगदान देंगी। आइए इनके रूट और लाभों पर एक नज़र डालें।
1. वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन बनारस-खजुराहो (Banaras-Khajuraho)
यह ट्रेन बनारस से खजुराहो की यात्रा के समय को लगभग 2 घंटे 40 मिनट कम कर देगी। यह वाराणसी, प्रयागराज, चित्रकूट और खजुराहो जैसे पवित्र और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थलों को सीधे जोड़ेगी। इससे उत्तर भारत में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल खजुराहो तक तेज़ और आरामदायक यात्रा संभव होगी।
2. वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन लखनऊ-सहारनपुर (Lucknow-Saharanpur)
यह ट्रेन लखनऊ से सहारनपुर की दूरी लगभग 7 घंटे 45 मिनट में तय करेगी, जिससे यात्रियों को लगभग 1 घंटे की बचत होगी। लखनऊ, सीतापुर, शाहजहाँपुर, बरेली, मुरादाबाद, बिजनौर और सहारनपुर को जोड़कर, यह रुड़की से हरिद्वार तक पहुँच को भी सुगम बनाएगी। पश्चिमी और मध्य उत्तर प्रदेश के बीच आर्थिक और सामाजिक संपर्क मजबूत होगा।
3. वंदे भारत फिरोजपुर-नई दिल्ली एक्सप्रेस (Firozpur-New Delhi Express)
यह पंजाब के फिरोजपुर रूट पर दिल्ली तक की सबसे तेज़ ट्रेन होगी, जो केवल 6 घंटे 40 मिनट में यात्रा पूरी करेगी। फिरोजपुर, बठिंडा और पटियाला को राजधानी से सीधे जोड़कर, यह व्यापार, पर्यटन और रोज़गार सृजन के नए अवसर खोलेगा। यह सीमावर्ती क्षेत्रों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
4. वंदे भारत एर्नाकुलम-बेंगलुरु एक्सप्रेस (Ernakulam-Bengaluru Express )
यह ट्रेन दक्षिण भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी। एर्नाकुलम से बेंगलुरु की यात्रा का समय 2 घंटे कम होकर केवल 8 घंटे 40 मिनट रह जाएगा। केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक के प्रमुख आईटी केंद्रों, व्यावसायिक केंद्रों और शैक्षणिक संस्थानों को जोड़कर, यह क्षेत्रीय विकास और पर्यटन को बढ़ावा देगा।

