TET अनिवार्यता के खिलाफ दिल्ली कूच की तैयारी में शिक्षक; UP के 1,00,000 शिक्षक विरोध प्रदर्शन में होंगे शामिल

TET अनिवार्यता के खिलाफ दिल्ली कूच की तैयारी में शिक्षक; UP के 1,00,000 शिक्षक विरोध प्रदर्शन में होंगे शामिल

UP के शिक्षक TET अनिवार्यता के खिलाफ दिल्ली में विरोध प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। लगभग 1,00,000 शिक्षकों के भाग लेने की उम्मीद है। शिक्षक संगठन इस विरोध प्रदर्शन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए रणनीति बना रहे हैं।


टीईटी अनिवार्यता के खिलाफ दिल्ली कूच के लिए शिक्षक तैयार।

मुख्य बातें :- 
टीईटी (Teacher Eligibility Test )अनिवार्यता के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
1,00,000 शिक्षकों का दिल्ली कूच
उत्तर प्रदेश में शिक्षकों का विरोध प्रदर्शन

लखनऊ। शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) के खिलाफ देश भर के शिक्षकों में असंतोष है। 1 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने सभी कार्यरत शिक्षकों के लिए टीईटी पास करना अनिवार्य कर दिया। शिक्षक 5 और 11 दिसंबर को दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करेंगे।

रविवार को लखनऊ में आयोजित Uttar Pradesh Primary Teachers' Association's की कार्यकारिणी की बैठक में संघ के अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि 5 दिसंबर को नई दिल्ली के रामलीला मैदान Ramlila Ground में होने वाले विशाल प्रदर्शन में देश भर से दो लाख शिक्षक भाग लेंगे, जिनमें से एक लाख उत्तर प्रदेश से होंगे।

अब तक 14 राज्य इस संगठन से जुड़ चुके हैं और सभी में प्रदर्शन की तैयारियाँ ज़ोरों पर हैं। प्रत्येक ज़िले में ब्लॉकवार शिक्षकों की संख्या निर्धारित कर दी गई है और पदाधिकारियों को ज़िम्मेदारियाँ सौंप दी गई हैं। महासचिव संजय सिंह General Secretary Sanjay Singh ने घोषणा की कि अनिवार्य टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) के विरोध में यह अब तक का सबसे बड़ा शिक्षक प्रदर्शन होगा।

दूसरी ओर, भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ Bharatiya Prathmik Shikshak Sangh ने भी 11 दिसंबर को नई दिल्ली के जंतर-मंतर Jantar Mantar in New Delh  पर राष्ट्रीय विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है। एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि अगर केंद्र सरकार तब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं करती है, तो फरवरी 2026 में संसद तक एक विशाल मार्च निकाला जाएगा।

राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील कुमार पांडे National President Sushil Kumar Pandey ने बताया कि 30 नवंबर तक एक nationwide petition campaign शुरू किया जाएगा और उसकी प्रतियाँ राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और शिक्षा मंत्री को भेजी जाएँगी।

उन्होंने कहा कि शिक्षक पिछले दो महीनों से शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन अब यह आंदोलन निर्णायक दौर में पहुँच गया है। दोनों संगठनों ने शिक्षकों से एकजुट होकर अपने अधिकारों की लड़ाई को मज़बूत करने के लिए नई दिल्ली जाने की अपील की।

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