प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा प्रस्तुत “विकसित भारत 2047” का विज़न देश को आर्थिक, सामाजिक और प्रशासनिक रूप से एक सशक्त राष्ट्र बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक संकल्प है।
पीएनपी नेटवर्क/ नई दिल्ली : PM Modi द्वारा प्रस्तुत “विकसित भारत 2047” Viksit Bharat 2047 का विज़न देश को आर्थिक, सामाजिक और प्रशासनिक रूप से एक सशक्त राष्ट्र बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक संकल्प है। किंतु इस लक्ष्य को वास्तविक धरातल पर उतारने के लिए यह आवश्यक है कि भारत के सभी क्षेत्रों को समान विकास, समान अवसर और प्रभावी प्रशासन मिले।
इसी संदर्भ में पूर्वांचल राज्य जनआंदोलन Purvanchal State People's Movement यह मानता है कि आज देश के कई बड़े राज्य प्रशासनिक दृष्टि से अत्यधिक विस्तृत हो चुके हैं, जहाँ शासन की योजनाएँ अंतिम व्यक्ति तक प्रभावी रूप से नहीं पहुँच पा रही हैं। परिणामस्वरूप क्षेत्रीय असंतुलन, बेरोजगारी, पलायन और सामाजिक विषमता लगातार बढ़ रही है।
उक्त बातें पूर्वांचल राज्य जनआंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक व मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता हरवंश पटेल ने यहां जारी बयान में कही. उन्होंने बताया कि पूर्वांचल, उत्तर प्रदेश का एक बड़ा और जनसंख्या-बहुल क्षेत्र है, जो वर्षों से विकास की दौड़ में पीछे छूटता रहा। शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग, आधारभूत संरचना और रोजगार के अभाव ने यहाँ के युवाओं को पलायन के लिए विवश किया है। यदि “विकसित भारत 2047” का सपना साकार करना है, तो पूर्वांचल जैसे क्षेत्रों को प्रशासनिक प्राथमिकता देना अनिवार्य होगा।
उन्होंने कहा कि पूर्वांचल राज्य जनआंदोलन का स्पष्ट मत है कि छोटे और प्रशासनिक रूप से सक्षम राज्य ही तेज़ विकास, सुशासन और जवाबदेही सुनिश्चित कर सकते हैं। भारत के इतिहास में उत्तराखंड, झारखंड, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना जैसे राज्यों के गठन ने यह सिद्ध किया है कि पुनर्गठन से विकास को नई गति मिलती है और जनता को निर्णय प्रक्रिया में अधिक भागीदारी मिलती है।
इसी दृष्टि से 25 दिसंबर को भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती के अवसर पर नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन आयोजित किया जा रहा है। इस धरने के माध्यम से केंद्र सरकार से राष्ट्रीय राज्य पुनर्गठन आयोग के गठन की माँग की जाएगी, ताकि देश के विभिन्न क्षेत्रों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का वैज्ञानिक एवं निष्पक्ष मूल्यांकन किया जा सके।
यह आंदोलन किसी सरकार, दल या व्यक्ति के विरोध में नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया को और अधिक मजबूत करने के उद्देश्य से है। राष्ट्रीय राज्य पुनर्गठन आयोग का गठन “विकसित भारत 2047” के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक ठोस और दूरदर्शी कदम सिद्ध होगा।
पूर्वांचल राज्य जनआंदोलन यह विश्वास करता है कि जब तक देश के हर क्षेत्र को विकास की मुख्यधारा में नहीं लाया जाएगा, तब तक विकसित भारत की संकल्पना अधूरी रहेगी। इसलिए समय आ गया है कि संविधान के दायरे में रहकर, संवाद और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के माध्यम से राज्यों के पुनर्गठन पर गंभीर विचार किया जाए।

