आज सोने की कीमतों में गिरावट आई। 24 karat gold की कीमत गिरकर ₹1.29,660 प्रति 10 ग्राम हो गई। दिल्ली, मुंबई और चेन्नई जैसे बड़े शहरों में भी कीमतों में अंतर देखा गया। चांदी की कीमतें थोड़ी ज़्यादा रहीं।
- सोने की कीमतों में गिरावट से ज्वेलरी मार्केट में ग्राहकों की दिलचस्पी फिर से बढ़नी चाहिए
आज Gold खरीदने का प्लान बना रहे लोगों के लिए राहत की बात हो सकती है। सोने की कीमतों में 4 दिसंबर, 2025 को गिरावट आई थी। कीमती धातुओं के बाजार में आज पीली धातु की चमक थोड़ी कम हुई, जिससे शादियों के मौसम में खरीदारों को कुछ राहत मिली।
Financial Express की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 24-कैरेट सोने की कीमत 530 पाउंड गिरकर 129,660 पाउंड प्रति 10 ग्राम हो गई। ज्वेलरी में सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होने वाला 22-कैरेट सोना भी गिरकर 118,855 पाउंड प्रति 10 ग्राम पर आ गया।
अलग-अलग शहरों में सोने की कीमतों में थोड़ा फ़र्क होता है। चेन्नई में 24-कैरेट सोने की कीमत सबसे ज़्यादा बनी हुई है, जहाँ कीमत 130,040 पाउंड प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई। देश की राजधानी नई दिल्ली में कीमत 129,440 पाउंड थी। अहमदाबाद में कीमत 129,840 पाउंड और बेंगलुरु में 129,770 पाउंड प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई। 18-कैरेट सोना गिरकर 97,245 पाउंड प्रति 10 ग्राम पर आ गया।
भारत में दुबई के मुकाबले सोना कितना महंगा है?
लोग आम तौर पर दुबई में सोना खरीदना पसंद करते हैं क्योंकि वहाँ कीमतें कम होती हैं। मौजूदा डेटा के आधार पर, भारत में सोने की कीमतें दुबई के मुकाबले लगभग 15% ज़्यादा हैं। दुबई में 24-कैरेट सोने की कीमत भारतीय रुपये में लगभग ₹112.816 प्रति 10 ग्राम है। इसका मतलब है कि भारत में खरीदार प्रति 10 ग्राम लगभग ₹16.844 ज़्यादा दे रहे हैं। यह अंतर मुख्य रूप से भारत में लगने वाले इंपोर्ट टैक्स और दूसरी फीस की वजह से है।
कीमत में गिरावट क्यों?
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि इंटरनेशनल लेवल पर हो रहे बदलावों का असर घरेलू मार्केट पर पड़ रहा है। US के कमज़ोर लेबर मार्केट डेटा से इंटरेस्ट रेट में कटौती की उम्मीदें बढ़ गई हैं। डॉलर भी थोड़ा कम हुआ है। हालांकि, जियोपॉलिटिकल टेंशन और अमेरिकी और रूसी अधिकारियों के बीच बातचीत में कोई ठोस नतीजा न निकलने की वजह से सोने की कीमतों में ज़्यादा गिरावट नहीं आई है। MCX पर भी सोने के फ्यूचर्स की कीमतों में उतार-चढ़ाव दिख रहा है, जहां फरवरी 2026 का कॉन्ट्रैक्ट ₹130,350 के आसपास ट्रेड कर रहा था।
जहां सोना गिर रहा है, वहीं चांदी बढ़ रही है। इंडस्ट्रियल डिमांड बढ़ने और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में इस्तेमाल बढ़ने की वजह से चांदी की कीमतें मज़बूत बनी हुई हैं। चांदी को न सिर्फ़ कीमती मेटल बल्कि इंडस्ट्रियल मेटल के तौर पर भी देखा जाता है, इसलिए इसकी डिमांड लगातार बनी हुई है। एनालिस्ट्स का मानना है कि US के इकोनॉमिक डेटा के आधार पर आने वाले दिनों में सोने और चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है।


