UP में एक खाप ने 18 साल से कम उम्र के बच्चों के सेल फ़ोन इस्तेमाल करने,शॉर्ट्स पहनावे पर लगाया बैन

UP में एक खाप ने 18 साल से कम उम्र के बच्चों के सेल फ़ोन इस्तेमाल करने,शॉर्ट्स पहनावे पर लगाया बैन

खाप के चौधरियों ने कहा कि बहुत कम बच्चे अपनी पढ़ाई के लिए सेल फ़ोन का ठीक से इस्तेमाल करते हैं और वे अक्सर उसी में खोए रहते हैं। बागपत से BJP MP Rajkumar Sangwan ने भी खाप के फ़ैसले को सही ठहराया।

UP में एक खाप ने 18 साल से कम उम्र के बच्चों के सेल फ़ोन इस्तेमाल करने,शॉर्ट्स पहनावे पर लगाया बैन

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के बागपत ज़िले में एक खाप पंचायत ने शनिवार को 18 साल से कम उम्र के बच्चों के स्मार्टफ़ोन रखने और पब्लिक में शॉर्ट्स कपड़े पहनने पर बैन लगाने का फ़ैसला किया। पंचायत ने बैंक्वेट हॉल में शादियाँ करने का भी विरोध किया, और कहा कि शादियाँ गाँवों और घर पर होनी चाहिए।

खाप ने लड़कों को कुर्ता पजामा और लड़कियों को सलवार कुर्ता पहनने की सलाह दी। थंबा पट्टी मेहर देशखाप के चौधरी बृजपाल सिंह और खाप चौधरी सुभाष चौधरी ने पंचायत में लिए गए फ़ैसलों पर रिपोर्ट करते हुए कहा कि खाप चौधरियों का मानना ​​है कि समाज में लड़के और लड़कियाँ बराबर हैं और अनुशासन के नियम दोनों पर बराबर लागू होने चाहिए।

पंचायत ने कहा कि लड़कों का पब्लिक जगहों पर शॉर्ट्स पहनना सामाजिक नियमों के ख़िलाफ़ है और इसका समाज पर बुरा असर पड़ता है। पंचों ने साफ किया कि 18 साल से कम उम्र के लड़कों को स्मार्टफोन देना ठीक नहीं है।

शादी के फैसलों के बारे में पंचायत ने कहा कि दुल्हन के घर पर होने वाली शादियां पारिवारिक रिश्तों को कमजोर करती हैं और वैवाहिक रिश्तों में तनाव पैदा करती हैं। इसलिए शादियां गांव और घर पर ही होनी चाहिए। हालांकि, पंचायत ने WhatsApp के जरिए शादी के न्योते लेने पर सहमति जताई।

खाप नेताओं ने कहा कि पंचायत में लिए गए फैसलों को लागू करने के लिए वे गांव-गांव जाकर समाज के जिम्मेदार लोगों से बात करेंगे। इन फैसलों को पूरे उत्तर प्रदेश में समाज के हित में लागू करने की कोशिश की जाएगी और दूसरी खापों से संपर्क करके इसे एक कैंपेन का रूप दिया जाएगा।

स्मार्टफोन के बढ़ते इस्तेमाल पर चिंता जताते हुए खाप चौधरियों ने कहा कि बहुत कम बच्चे पढ़ाई के लिए अपने सेल फोन का ठीक से इस्तेमाल करते हैं और इसके बजाय अपना ज्यादातर समय अपने डिवाइस पर बिताते हैं, जिससे उनके स्कूल परफॉर्मेंस पर असर पड़ता है और वे अपने बड़ों की बात नहीं मानते।

उन्होंने कहा कि घर पर कोई कैसे कपड़े पहनता है, इस पर कोई एतराज नहीं है, लेकिन सार्वजनिक जगहों पर अच्छे और सादे कपड़े पहनना सामाजिक रूप से जरूरी है। कांग्रेस के सीनियर लीडर चौधरी यशपाल सिंह ने भी इस मुद्दे पर पंचायत के फैसलों का सपोर्ट किया। उन्होंने कहा कि खाप पंचायतें समाज की असलियत के आधार पर फैसले लेती हैं और उनका मकसद युवाओं को सही दिशा दिखाना है।

यशपाल सिंह ने कहा कि आज बच्चों और युवाओं को पहले से कहीं ज़्यादा डिसिप्लिन और सोशल वैल्यूज़ की ज़रूरत है। बागपत के MP राजकुमार सांगवान ने कहा कि खाप चौधरियों की चिंताएँ जायज़ हैं। सोशल मेलजोल और कल्चर को बचाकर रखना चाहिए, क्योंकि इससे देश और समाज मज़बूत होता है।

सांगवान ने कहा कि खाप चौधरी युवाओं को वैल्यूज़ और कल्चर से जोड़ने के लिए बहुत मेहनत करते हैं, इसलिए उनकी बातों का सम्मान किया जाना चाहिए।

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