कौन है विनय दूबे? जिसने मुम्बई बांद्रा में उत्तर भारतीय मजदूरों को गुमराह कर जुटाई भीड़, उसने क्यूं पूर्वांचल के चेहरे पर पोती कालिख!

कौन है विनय दूबे? जिसने मुम्बई बांद्रा में उत्तर भारतीय मजदूरों को गुमराह कर जुटाई भीड़, उसने क्यूं पूर्वांचल के चेहरे पर पोती कालिख!


Lucknow, पूर्वांचल न्यूज प्रिंट। उत्तर भारतीय मजदूरों की मुंबई के बांद्रा में अचानक से जुटने भीड़ का असली गुनाहगार कौन है। इस भीड़ में महिलायें व बच्चे क्यों नहीं थे। क्या इस भीड़ को लॉक डाउन को तोड़ने के लिए जुटाया गया था। मुम्बई पुलिस ने जिसे आरोपी बनाकर जेल भेज चुकी है। जेल की सलाखों में जाने वाला विनय कुमार दुबे कौन है। यह मुंबई में उत्तर भारतीयों का खुद को मसीह बताता रह है। जो सूचनाएं प्राप्त हुई है यह व्यक्ति कभी पूर्व में बेकरी का काम करता था। यह उत्तर प्रदेश पूर्वांचल के भदोही जनपद में उगापुर क्षेत्र का रहने वाला है। क्या उसके इस हरकत से पूर्वांचल के चेहरे पर कालिख पूत गयी है। उसने अपनी राजनीति चमकाने के लिए उत्तर भारतीय महा पंचायत संगठन का गठन किया हुआ है। उसके पिता मुंबई में ऑटो चलाते हैं। मुंबई में जब उत्तर भारतीयों को पीटा जा रहा था, तब यह आदमी फेसबुक पर मनसे, राज ठाकरे को खुली चुनौती देता था। कई उत्तर भारतीय पैसे खाने के आरोप लगा चुके हैं, हालांकि वह इससे बराबर इंकार करता रहा है। बताया जाता है कि एक बार उसने राज ठाकरे को उत्तर भारतीयों के कार्यक्रम में बुलाया था, बाद में मेल-मिलाप बढ़ाकर राज ठाकरे का काफी करीबी तो बन गया लेकिन हमेशा राज ठाकरे उत्तर भारतीयों का विरोध ही करते रहे। खबर यह है कि वह पिछले लोकसभा चुनाव में चंदा इकट्ठा करके कल्याण से चुनाव लड़ा था, मगर उसकी जमानत जब्त हो गई। इसके करीबी उसे काफी खतरनाक व्यक्ति बताते हैं। इसके फ़ेसबुक पर लगभग एक लाख फॉलोवर हैं, और यह लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। इसने एनआरसी व सीसीए के विरोध में सैकड़ों यात्राएं की  थी, उसी दौरान इसके फॉलोवर की संख्या ज्यादा ही बढ़ गई है। जिस वीडियो की वजह से बांद्रा में इतनी भीड़ जुटी और पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा था, उस वीडियो को 15 हजार से ज्यादा लोगों ने शेयर किया है। यह तो छोड़िए, इसकी प्रोफाइल तस्वीर दो- तीन सौ शेयर होते रहते हैं। यूट्यूब पर आप विनय दुबे लिखिए, यह व्यक्ति आपको सबसे ऊपर दिखेगा। जानकारी के मुताबिक अनीस भारती नाम के चैनल पर इसके सारे वीडियो पड़ते हैं, सबके व्यूज देखिये, लाखों में हैं। इसके फेसबुक लाइव के हजारों शेयर होते हैं। यूट्यूब चैनलों पर इसके नाम से पड़े सभी वीडियो लाखों बार देखे जाते हैं, इतने व्यूज तो बड़े-बड़े चैनलों के नहीं आते। इसके वीडियो में टैग नहीं होते, फिर भी लाखों व्यूज आते हैं। इसका मतलब यह है कि यह आदमी सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल लगातार करता रहा है । यह विनय दूबे प्रवासी मजदूरों के लिए मुहिम भी चला रहा था, जिसका नतीजा आज सबके सामने
है। सरकारों को इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसे समय में जब हर इंसान परेशान है तो इसने मजदूरों की भावनाओं का गलत इस्तेमाल किया, उनकी जान को खतरे में डालने की पूरी कोशिश की है। ऐसे में बिहार, यूपी व पूर्वांचल के मजदूरों को ऐसे लोगों से सतर्क होने की जरूरत है, जो उनका इस्तेमाल सिर्फ अपने को चमकाने के लिए करते हैं।