..... आप कैसे हैं, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोबाइल फोन पर पूछा।

..... आप कैसे हैं, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोबाइल फोन पर पूछा।

    लखनऊ। जब देश का प्रधानमंत्री किसी को फोन करके उसका हालचाल पूछे तो व्यक्ति का भाव-विभोर होना स्वाभाविक है। कुछ ऐसा ही हुआ जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश पूर्वांचल के कुशीनगर जनपद के रामकोला ब्लाक के ग्राम पगरा निवासी वयोवृद्ध पूर्व विधायक श्रीनारायण उर्फ भुलई भाई को फोन कर पूछा, कि आप कैसे हैं। प्रधानमंत्री के ये शब्द कान में पड़ते ही उनकी आंखें भर आईं और बोले, ठीक हूं। ढाई मिनट की बातचीत में प्रधानमंत्री से मिली आत्मीयता ने उन्हें भावविभोर कर दिया । प्रधानमंत्री के बातचीत शुरू करने के पहले उनके सचिव ने फोन लगाया था, तब उस समय पूर्व विधायक के पौत्र कन्हैया ने रिसीव किया।  प्रधानमंत्री के सचिव ने कहा कि श्रीनारायण जी हैं, प्रधानमंत्री जी बात करना चाहते हैं। पौत्र ने फोन दादा को दे दिया। उधर से,  प्रधानमंत्री ने पूछा कि श्रीनारायण जी बोल रहे हैं। उत्तर मिलने पर प्रधानमंत्री ने प्रणाम किया और कहा कि आज यूं ही मन किया कि आपसे बात करूं। आपने शताब्दी पूरी कर ली। पूर्व विधायक ने कहा जी, 106 वर्ष का हो गया हूं। प्रधानमंत्री ने कहा कि सोचा देश में चल रहे कोरोना संकट के इस समय में आपका आशीर्वाद ले लूं। इस पर पूर्व विधायक ने कहा, आप यशस्वी हों और स्वस्थ्य रहें, देश की सेवा करते रहें। प्रधानमंत्री ने पूछा कि आपने पांच पीढ़ियां देखी हैं, सब अच्छा चल रहा है न, जवाब मिला- बहुत अच्छा। अंत में प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वस्थ्य रहिए और परिवार के सभी सदस्यों को मेरा प्रणाम कहिएगा।
ज्ञातव्य हो कि नौरंगिया विधान सभा (वर्तमान की खड्डा) से दो बार विधायक रहे भुलई भाई कहते हैं कि उन्हें प्रधानमंत्री ने याद किया। हम उनके आभारी हैं। लगभग पांच दशक पूर्व नागपुर कार्यालय में मोदी जी से मुलाकात हुई थी, तब वह आरएसएस कार्यकर्ता थे और हम भी कार्यकर्ता के रूप में वहां गए थे। उसके बाद सार्वजनिक कार्यक्रमों में मुलाकात होती रहती थी। उन्होंने जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी के अलावा पंडित दीनदयाल उपाध्याय, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के साथ भी काम किया है। प्रधानमंत्री के बातचीत का यह सिलसिला कई दिनों से चल रहा है। इनका मानना है कि covid-19 के संकट के दौर में बुजुर्गों का ख्याल रखना बहुत ही जरूरी है। इसके पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वयोवृद्ध भाजपा नेता मदनमोहन व्यास को भी फोन कर कुशलक्षेम पूछा। विद्या भारती के पूर्व प्रांतीय अध्यक्ष और लुधियाना नगर सुधार ट्रस्ट के दो बार चेयरमैन रह चुके व्यास की पीएम से करीब डेढ़ मिनट बात हुई। दोपहर करीब दो बजे उनके मोबाइल पर कॉल आई। उन्होंने फोन नहीं उठाया तो कुछ समय बाद दोबारा कॉल आई। फोन उठाने पर दूसरी तरफ से एक व्यक्ति ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बात करेंगे।
पहले तो समझा कि कोई मजाक कर रहा है लेकिन चंद सेकंड में जाने पहचाने लहजे में आई आवाज से पता चल गया कि प्रधानमंत्री ही बात कर रहे हैं। व्यास की कुछ वर्ष पहले प्रधानमंत्री मोदी से उनके कार्यालय में उस समय संक्षिप्त मुलाकात हुई थी। जब वह प्रधानमंत्री रिलीफ फंड के लिए राशि देने गए थे।
वहीं उत्तराखंड के वरिष्ठ भाजपा नेता मोहनलाल बौंठियाल जब सुबह घर के पास खेतों में टहल रहे थे। तभी जेब में रखी मोबाइल की घंटी बजने लगी। कॉल रिसीव की तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। ऐसी यादें ताज हुईं, जो उन्हें जीवनभर याद रहेंगी। 'हैलो! नमस्कार, क्या मोहनलाल जी बात कर रहे हैं।' 'जी हां! बोल रहा हूं।' सामने से स्वर गूंजा, 'हम प्रधानमंत्री कार्यालय से बोल रहे हैं, पीएम आपसे बात करना चाह रहे हैं।' फिर क्षणभर बाद आवाज गूंजी, 'मोहनलाल जी कैसे हैं आप।' यह आवाज बेहद जानी-पहचानी थी, लेकिन मोहनलाल को अपने कानों पर भरोसा ही नहीं हो रहा था। तीन मिनट बातचीत का सिलसिला चला। पुरानी यादें ताजा हुईं तो मोहनलाल के चेहरे पर चमक आ गई और यकीन हो गया कि मोदीजी की यही खूबी उन्हें जननायक बनाने की।
प्रधानमंत्री मोदी ने मोहनलाल बौंठियाल से दूरभाष पर वार्ता कर उनके स्वास्थ्य का हाल जाना। बौंठियाल ने बताया कि प्रधानमंत्री ने उनसे कहा कि जनसंघ से जुड़े पुराने लोगों से बात के क्रम में ही वे उनसे बात कर रहे हैं। कहा कि यह समय संकट का है, इसलिए वे समाज के साथ स्वयं का भी पूरा ध्यान रखें। बौंठियाल ने बताया कि वार्ता के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ 1998 में बदरीनाथ व गढ़वाल संसदीय सीट के प्रभारी रहते हुए और 2014 में श्रीनगर गढ़वाल की मुलाकातों को याद किया।