जिस गांव के लोग अंग्रेजों से जीते, वे कोटेदार के भ्रष्टाचार से हार गए, यह खेल है आपूर्ति विभाग का
4/18/2020 08:00:00 pm
Lucknow, पूर्वांचल न्यूज प्रिंट। अभी शुक्रवार को ही यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिसके पास राशन कार्ड नहीं है उसे भी राशन दिया जाए। इतना होना तो दूर की बात नजर आ रही है। यह संभव हो या न हो मगर यहां तो कोरोना संक्रमण के दौरान भी कोटेदार अपनी लूट खसोट आदत से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसी ही एक जबरदस्त शिकायत उत्तर प्रदेश के चन्दौली जनपद के सकलडीहा विकास खण्ड के बरठी गांव से आई है। यहां के लोगों ने देश की आज़ादी में अंग्रेजों से लड़ा था। अंग्रेजों के खिलाफ बिगुल फूंक कर रेल की पटरी उखाड़ दी थी मगर सकलडीहा तहसील स्तरीयअधिकारियों की लूट खसोट नीति की वजह से कोरोना महामारी के संकट के दौर में यहां के लोग कोटेदार के भ्रष्टाचार से हार सा गए हैं। खबर है कि ग्रामीणों की शिकायत पर शनिवार को सकलडीहा विकास खंड के बरठी गांव में कोटेदार की घटतौली की जांच करने खाद्य आपूर्ति व पुलिस विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों का कहना रहा कि कोरोना संक्रमण में जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जरुरतमन्दों की मदद करने के निर्देश दे रखें हैं वही बठ्ठी गांव का कोटेदार राशन वितरण में मनमानी कर रहा है। जब ग्रामीणों ने यहां के सकलडीहा एसडीएम प्रदीप कुमार से शिकायत की तो आपूर्ति निरीक्षक अमित द्विवेदी, के के मिश्रा व सब- इंस्पेक्टर अच्छे लाल यादव आज सुबह मौके पर पहुंच गए। वहां पहुंचे ही राशन वितरण का नजारा देखकर सभी सन्न रह गए। कोटेदार के यहां राशन लेने के लिए ग्रामीण घंटों धूप में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। जांच करने मौके पर पहुंचे खाद्य आपूर्ति निरीक्षक ने कोटेदार को घटतौली न करने और उचित मूल्य के साथ निर्धारित सरकारी निर्देश के अनुरूप राशन देने को कहा। जांच अधिकारियों ने कोटेदार को चेतावनी दी कि अगर अगले दिन से दुबारा कोई शिकायत आयी तो कोटा निरस्त करते हुए मुकदमा दर्ज कर जेल में ठूंस दिया जाएगा। ग्रामीणों का यह भी कहना था कि जब अधिकारी जांच कर रहे थे तब भी उनके सामने ही पांच किलो राशन देने की जगह कोटेदार एक किलो की कटौती कर रहा था। जबकि कार्ड पर पूरे 5 किलो दर्ज कर रहा था। राशन कार्ड धारकों के चिल्लाने के बावजूद कोटदार मनमानी करता रहा। जानकार बताते हैं कि यह स्थिति किसी एक जिले की नहीं है। ज़्यादातर जगहों पर कोटदार की मनमानी से राशन कार्ड धारकों को राशन सही नाप तौल के साथ ही निर्धारित सरकारी निर्देश के अनुसार नहीं मिल रहा है। यही नहीं राजधानी लखनऊ की एक महिला की जुबानी राशन वितरण व्यवस्था को सुनकर सरकार पर उंगली उठना स्वाभाविक है। यूपी सीएम की कुर्सी के नाक नीचे ही मड़ियांव क्षेत्र में फैजुल्लागंज के सेमरा गौड़ी के राशन कार्ड धारक शांति देवी को कोटेदार ने राशन न देकर भगा दिया। कहा- दंडाईया के ऑफिस से लिखवाकर लाओ तब राशन मिलेगा। अब भला यह कोटदर कौन बताएगा कि लॉक डाउन में घर से बाहर नहीं निकलना है। यह स्थिति दर्शाती है कि इस समय कोरोना संकट के दौरान खुद अधिकारियों को राशन वितरण व्यवस्था पर कड़ी नजर रखनी होगी। उनके खिलाफ कारवाई कर जेल भी भेजना पड़ेगा तभी स्थिति में सुधार हो सकता है।