जहां देश में कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए चौतरफा लोग मदद कर रहे हैं वहीं यूपी में पूर्वांचल के जौनपुर जनपद के चार क्षेत्रों के विधायकों ने मदद के लिए बढ़ाये हाथ को वापस खींच लिए है। ये सभी जनपतिनिधि जनता के निशाने पर आ गए हैं और यह चर्चा शुरू को गयी है कि आखिर इन्होंने क्यूं ऐसा कदम उठाया है। कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम और उपचार के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के मकसद से विधायकों ने अपनी निधि से धन देने का पत्र जारी किया था। जब शासन ने एक साल की निधि स्थगित कर दिया तो सभी चार विधायकों ने पूर्व में दी गई धनराशि वापस ले ली है। इस आशय का पत्र सीडीओ को लिखा है।
कोरोना के इलाज की व्यवस्था जन प्रतिनिधियों ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के निधि से धनराशि से धन जारी किया था लेकिन बाद में उसे वापस ले लिया है । बदलापुर विधायक रमेशचंद्र मिश्रा ने 23 लाख, केराकत विधायक दिनेश चौधरी 10 लाख, मुंगराबादशाहपुर विधायक सुषमा पटेल ने पांच लाख, जफराबाद विधायक डॉ. हरेंद्र प्रसाद सिंह ने 10 लाख रुपये जारी किए थे। उन्होंने कुछ दिनो
पूर्व पत्र भेजकर रुपये खर्च न करने को मुख्य विकास अधिकारी को पत्र लिखा। वहीं जबकि शाहगंज विधायक शैलेंद्र यादव ललई ने 10 लाख, मड़ियाहूं विधायक डॉ. लीना तिवारी 11 लाख, सदर विधायक व राज्यमंत्री गिरीशचंद्र यादव ने 20 लाख, मल्हनी विधायक पारसनाथ यादव ने 15 लाख, मछलीशहर विधायक जगदीश सोनकर ने 17.94 लाख रुपया और एमएलसी बृजेश सिंह प्रिंसू ने 20 लाख रुपये जारी किए हैं। इस सभी ने अभी तक वापसी का पत्र नहीं दिया है।