Purvanchal News Print, गाजीपुर / श्रीनगर: बीते 24 घंटे में आतंकी हमले बढ़े हैं. सोमवार को कुपवाड़ा में सीआरपीएफ के जवानों पर हमला किया गया. इस हमले में यूपी पूर्वांचल के गाजीपुर का जवान अश्विनी शहीद हो गया . जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा जिले के काजियाबाद इलाके में सोमवार की शाम आतंकियों ने पेट्रोलिंग कर रहे सीआरपीएफ जवानों पर हमला बोल दिया था. इस आतंकी हमले में सीआरपीएफ जवान अश्वनी कुमार यादव समेत 3 जवान शहीद हो गए. ज्ञातव्य हो कि अश्वनी कुमार यादव गाजीपुर के नोनहरा थाना इलाके चक दाऊद उर्फ बभनौली गांव के रहने वाले था. घटना की जानकारी कल शाम परिजनों को हुई तो परिवार समेत पूरे इलाके में कोहराम मच गया. शहीद अश्विनी अपनी बेटी को डॉक्टर बनना चाहता था: शहीद अश्वनी की पत्नी और बेटी ने बताया कि वो बेटी को डॉक्टर बनना चाहते थे. बेटी ने भी कहा कि पापा डॉक्टर बनाना चाहते थे और ये भी बोल कर गए थे कि जब वापस आएंगे तो साइकिल खरीदेंगे. शहीद के एक बेटी और एक बेटे के साथ दो भाई भी हैं जो घर पर खेती के साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं.
वर्ष 2005 में सीआरपीएफ इलाहाबाद में हुआ था भर्ती: पूर्वांचल के जनपद गाजीपुर के नोनहरा थाना के बभनौली गांव के रहने वाले सीआरपीएफ जवान अश्वनी कुमार यादव जो 2005 में इलाहाबाद के फाफामऊ में भर्ती हुए थे. कल देर शाम जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंकी हमले में शहीद होने की खबर जब घर आई तब परिवार में मातम छा गया. उस सूचना के बाद से ही पत्नी आंसू बेसुध पड़ी हुई है और वह बस एक ही बात कह रही है इसको ही मेरे पति को वापस लाएं. जब हमने उनसे कुछ बात करने की कोशिश की उन्होंने बताया कि घटना के 2 घंटे पहले उनसे बात हुई थी और उन्होंने ड्यूटी खत्म होने की बात कही थी साथ ही उन्होंने बताया कि उन्होंने कहा था कि छुट्टी पर जब आएंगे तब बेटी के लिए साइकिल खरीदकर देंगे और वह अपनी बेटी को डॉक्टर बनाना चाह रहे थे. उनकी ख्वाहिश थी कि बेटी के नाम के साथ उनका भी नाम जुड़े वहीं उनके भाइयों ने बताया कि भैया की अंतिम इच्छा बेटी को डॉक्टर बनाना था. इसलिए हम सरकार से चाहेंगे क्यों हमारे भाई की इस इच्छा को जरूर पूरा करें और अगर हमें भी मौका मिला तो हम भी देश सेवा के लिए जाएंगे.
दोस्त ने कहा, पाकिस्तान से बदल ले सरकार
शहीद अश्विनी के साथ ही भर्ती होने गए उनके दोस्त ने भी उनके व्यवहार के बारे में बताया कि हम और अश्वनी साथ में ही भर्ती होने गए थे लेकिन मैं मेरिट में छंटनी की वजह से वापस हो गया था. उन्होंने बताया कि अश्वनी बहुत ही बढ़िया स्वभाव के थे और गांव में आकर यहां के युवाओं को भर्ती के लिए प्रेरित करते थे. जिन युवाओं के पास पैसे की कमी होती थी उन्हें अपने पास से पैसा देकर उन्हें भर्ती का फॉर्म लेकर आते थे. जिला पंचायत सदस्य कमलेश यादव ने बताया कि अश्वनी के शहीद होने से हमारे क्षेत्र को बहुत ही नुकसान हुआ है और हम चाहेंगे कि सरकार पाकिस्तान से इसका बदला जरुर ले.