शहाबगंज(चन्दौली), रिपोर्ट- रविन्द्र यादव: लॉकडाउन के तीसरे चरण में सोमवार से शराब का ठेका खुलते ही लोग जगह-जगह पर शराब के लिए लाइन में लग गये, इतना ही नहीं जहां से शराब मिलनी थी वहां पर लोग मधुमक्खी की तरह जाली पर चिपके नजर आये और जमकर सोशल डिस्टेंसिंग का माखौल उड़ाया. लोगों को शराब लेनी इतनी जरूरी थी कि उन्हें अपनी जान की भी परवाह ही नहीं दिखाई दी. कोरोना वायरस के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 40 दिन का लॉक डाउन घोषित किया गया था, इस दौरान किसी प्रकार की छूट नहीं दी गई थी, लेकिन अब लॉकडाउन में छूट मिलते ही लोग घरों से निकलकर अपनी जान को दांव पर लगाकर सुबह से ही ठेकों पर दिखाई देने लगे.अब यहां पर सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जहां कोरोना महामारी के बचाव के लिए केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक खरबों रुपये से भी ज्यादा पैसे जनता के ऊपर खर्च किए जा चुके हैं और अभी भी वर्तमान स्थिति काबू में नहीं है, तो क्या ऐसे में शराब ठेकों को खोलने की अनुमति देना सही है. हालांकि सरकार की तरफ से कहा गया है कि राजस्व बढ़ाने के लिए मदिरा की दुकाक ही को खोलना आवश्यक हो गया है.
शराब ठेका खुलते ही मधुमक्खी की तरह जाली पर चिपके नजर आये पियक्कड़
5/04/2020 08:57:00 pm
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