◆ किसानों के राष्ट्रीय विरोध में शामिल होगा मजदूर किसान मंच
◆ प्रधानमंत्री को भेजा जायेगा मांग पत्र
चन्दौली/लखनऊ: सहकारी खेती को सरकार को मजबूत करने के लिए मदद करनी चाहिए यहीं विकास, रोजगार सृजन और आत्म निर्भर भारत बनाने का एक मात्र रास्ता है. इस मांग के साथ किसानों के सभी कर्ज माफ करने, ब्याज मुक्त कर्ज देने, सस्ती लागत सामग्री उपलब्ध कराने, पचास गुना ज्यादा दाम पर सरकारी खरीद की गारंटी, मनरेगा में सालभर काम और 6 सौ रूपया मजदूरी, प्रवासी मजदूर समेत हर मजदूर व किसान को तत्काल नकद और राशन किट देने, प्रवासी मजदूरों की निःशुल्क वापसी की गारंटी, प्राकृतिक आपदा तूफान, ओलावृष्टि आदि से प्रभावित किसानों को मुआवजा, गन्ना किसानों के बकाए के तत्काल भुगतान, वनाधिकार कानून में पट्टा देने, सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं बहाल करने और किसान विरोधी बिजली संशोधन बिल 2020 वापस लेने जैसी मांगों पर देशभर के दो सौ से ज्यादा किसान संगठनों की अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के 27 व 28 मई के राष्ट्रीय विरोध में मजदूर किसान मंच भी शामिल होगा. यह जानकारी एक बयान में मजदूर किसान मंच के प्रभारी अजय राय ने दी है.
उन्होंने बताया कि चंदौली जिलों में कई जगहों पर विरोध कार्यक्रम किए जायेगें और लॉक डाउन के निर्णयों का पालन करते हुए प्रशासनिक अधिकारियों के माध्यम से प्रधानमंत्री को खुला पत्र भेजा जायेगा.